मुजफ्फरपुर : किसान वीरेंद्र कुमार (55 वर्ष) ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में सल्फास खाकर अपनी जान दे दी. वह सकरा थाना क्षेत्र के रामीरामपुर गांव का रहनेवाला था. नगर थाने की पुलिस ने वीरेंद्र को इलाज के लिए पहले सदर अस्पताल, उसके बाद एसकेएमसीएच ले गये, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
मृत किसान की जेब से एक जिलाधिकारी के नाम से लिखा हुआ सुसाइड नोट बरामद हुआ है. इसमें बड़े बेटे मधुसूदन आनंद, बहू पूजा आनंद और उसके ससुर मनोज कुमार राय पर मारपीट करने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे वीरेंद्र कुमार कचहरी की तरफ से समाहरणालय परिसर में घुसा. आईजी कार्यालय के समीप पहुंचते ही वह जमीन पर गिर गया. उसके मुंह से झाग निकल रहा था. गेट पर मौजूद सिपाही अरुण कुमार ने इसकी सूचना नगर थाने की पुलिस को दी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने वीरेंद्र को इलाज के लिए सदर अस्पताल ले गये, जहां उसकी गंभीर स्थिति को देख डॉक्टरों ने एसकेएमसीएच भेज दिया. वहां पहुंचते ही उसकी मौत हो गयी.
सुसाइड नोट में लिखा मौत के बाद पत्नी की देख-रेख की जिम्मेवारी जिलाधिकारी की होगी
वीरेंद्र ने ब्लू और लाल रंग से एक सादे कागज पर जिलाधिकारी के नाम से एक सुसाइड नोट लिखा है. इसमें बताया है कि बीते सात वर्षों से उनका बड़ा बेटा, बहू और उसके पिता मारपीट और प्रताड़ित करते हैं. मार खाने और लगातार प्रताड़ित होने से वह आत्महत्या कर रहा है. उसके मरने के बाद उसकी पत्नी की देख-रेख की जिम्मेवारी जिलाधिकारी की होगी. बताया जाता है वीरेंद्र प्राइवेट शिक्षक भी है.
घर से सोच कर ही आये थे डीएम को आवेदन देंगे और सल्फास खा लेंगे
सल्फास खाने के बाद जमीन पर गिरे वीरेंद्र से पुलिसकर्मियों ने घटना का कारण पूछा, तो उसने बताया कि सात साल से बड़े बेटे की प्रताड़ना सह रहे हैं. आज घर से सोच कर आये थे कि डीएम को आवेदन देंगे और सल्फास खाकर अपनी जान दे देंगे. हम सल्फास की दो गोली खा लिये हैं. घर में बेवजह की मारपीट और प्रताड़ना से तंग आ गये थे.