पीड़ित बच्चों का ब्लड सैंपल पहुंचा अटलांटा

मुजफ्फरपुर: एइएस (एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम) के कारणों की पहचान अब जल्द कर ली जायेगी. यह उम्मीद पीड़ित बच्चों का ब्लड सैंपल अटलांटा पहुंच जाने से जगी है. एनसीडीसी की विशेषज्ञ डॉ माला छाबड़ा इस वर्ष के सैंपल के साथ दिल्ली के नेशनल सेंटल फॉर डिजीज कंट्रोल की प्रयोगशाला में रखे पिछले वर्ष का सैंपल लेकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2014 4:39 AM

मुजफ्फरपुर: एइएस (एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम) के कारणों की पहचान अब जल्द कर ली जायेगी. यह उम्मीद पीड़ित बच्चों का ब्लड सैंपल अटलांटा पहुंच जाने से जगी है. एनसीडीसी की विशेषज्ञ डॉ माला छाबड़ा इस वर्ष के सैंपल के साथ दिल्ली के नेशनल सेंटल फॉर डिजीज कंट्रोल की प्रयोगशाला में रखे पिछले वर्ष का सैंपल लेकर रविवार की सुबह अटलांटा पहुंची. एनसीडी की ओर से यह जानकारी रविवार की सुबह सिविल सजर्न डॉ ज्ञान भूषण को दी गयी.

सभी सैंपलों की जांच अटलांटा स्थित सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के अत्याधुनिक लैब में होगी. ब्लड सैंपल की जांच अलग-अलग सेक्टरों में बांट कर किया जायेगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ जांच में जुटेंगे. सैंपल की जांच वायरोलॉजी, टॉक्सिक व महामारी विशेषज्ञ करेंगे. इसके अलावा बच्चों का स्टूल, यूरिन व सीएसएफ भी अटलांटा भेजा गया है, जिसकी जांच कर यह पता लगाया जायेगा कि बीमारी का कारण कोई टॉक्सिन तो नहीं है. सीएस ने कहा है कि यह बहुत बड़ा काम था. उम्मीद की जा रही है कि मेडिकल साइंस अज्ञात बीमारी के कारणों की पहचान कर लेगा.

नये वायरस की भी होगी खोज

विशेषज्ञ जेइ के वायरस चांदीपुरा, हर्पिज सहित अन्य ज्ञात वायरस के अलावा नये वायरसों की भी खोज करेंगे. सैंपल से डीएनए व आरएनए निकाल कर उसका मैच कराया जायेगा. यह देखा जायेगा कि पीड़ित बच्चों के शरीर में नयी चीज क्या है. उसका शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है. विशेषज्ञों को पीड़ित बच्चों के मस्तिष्क के सेल की जांच रिपोर्ट भी भेजी गयी है, जिसमें सेल के निष्क्रिय होने की पुष्टि हुई है. साथ ही पीड़ित बच्चों को हाइपोग्लेसिमिया (चीनी की मात्र बहुत कम हो जाना) होने संबंधी जांच का विस्तृत ब्योरा भी भेजा गया है.

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