बाढ़ का कहर: बाढ़ ने एक रात में घर से फुटपाथ पर ला दिया, सांपों के साये में बसर हो रही जिंदगी
मुजफ्फरपुर : सिकंदरपुर कुंडल में रहने वाले चंद्रेश्वर सहनी और उनका परिवार अचानक आनेवाली आफत से परेशान है. एक रात में उनके सिर के ऊपर से छत छिन गयी है. बूढी गंडक का पानी उनके घर में घुस गया है. चंद्रेश्वर की चिंता अपने छोटे पोते-पोतियों को बचाने के लिए ज्यादा है. बाढ़ ने एक […]
मुजफ्फरपुर : सिकंदरपुर कुंडल में रहने वाले चंद्रेश्वर सहनी और उनका परिवार अचानक आनेवाली आफत से परेशान है. एक रात में उनके सिर के ऊपर से छत छिन गयी है. बूढी गंडक का पानी उनके घर में घुस गया है. चंद्रेश्वर की चिंता अपने छोटे पोते-पोतियों को बचाने के लिए ज्यादा है. बाढ़ ने एक रात में उन्हें घर से फुटपाथ पर ला दिया है.
कुंडल के निचले इलाके में बुधवार को बूढी गंडक नदी का पानी पहुंच गया, जिससे यहां रहने वाले दस परिवार बेघर हो गये. चंद्रेश्वर बताते हैं कि सड़क किनारे अब किसी तरह जिंदगी गुजारेंगे. उनके मवेशियों का भी कोई ठिकाना नहीं है. उन्हें गुस्सा है कि प्रशासन की ओर से इस ओर कोई देखने तक नहीं आया. उनकी पत्नी कहती हैं कि बाढ़ में हमारा सबकुछ खो जाता है, पर मदद के रूप में एक छटांक अनाज तक नहीं मिलता.
कुंडल से आगे बढ़ते ही बाढ़ का भयावह नजारा दिख जाता है. रातभर में पानी भर जाने से एक परिवार घर बंद कर बाहर चला गया है. उसका घर चारों ओर से पानी से घिरा हुआ है. वहां बांध पर खेल रहे कुछ बच्चों ने बताया कि पानी सुबह आया है. पानी आते ही घरों में रहने वाले लोग यहां से चले गये हैं.
सांपों के साये में बसर हो रही जिंदगी
कुंदल से कुछ दूर आगे मुक्तिधाम के बाहर सैकड़ों की तादात में तंबू बने हैं. बाढ़ का पानी आते ही मुक्तिधाम के पीछे रहने वाले लोग सड़क किनारे आ गये हैं. अब सांपों के साये में उनकी जिंदगी कट रही है. यहां बने एक तंबू के बाहर बैठे मनोज ने बताया कि उनके घर में पानी घुसा हुआ है. सारा सामान बर्बाद हाे गया. पानी आने के बाद हमलोग यहां तंबू में रह रहे हैं, लेकिन यहां आसपास रोज सांप निकल रहे हैं जिससे डर बना हुआ है. तंबू में रह रही सुखिया देवी ने बताया कि खाना बनाने का बर्तन भी बाढ़ में डूबा हुआ है. घर से कुछ बर्तन निकाल लाये हैं, उसी से काम चल रहा है.
लगातार पानी बढ़ने से लोगों में दहशत
बूढ़ी गंडक में लगातार पानी बढ़ने से नदी किनारे रहने वाले लोगों में काफी दहशत है. सिकंदरपुर बांध के नीचे बुधवार को पानी का बहाव काफी तेज था. बांध किनारे लोग नदी की तेज धारा के गणित में उलझे हुए थे. वहां मौजूद जितेंद्र ने बताया कि पानी बढ़ ही रहा है. हमलोग का घर बांध के ऊपर है. इसलिए डरे हुए हैं. ज्यादा पानी बढ़ा, तो बांध पर भी खतरा हो सकता है.