नगर विकास मंत्री के पुत्र के अकाउंट से 2.08 करोड़ रुपये उड़ाने का प्रयास

मुजफ्फरपुर : साइबर फ्रॉड गिरोह ने नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा के पुत्र संजीव शर्मा के अकाउंट से 2.08 करोड़ उड़ाने का प्रयास किया. हालांकि, वे कामयाब नहीं हो सके. रेडक्रॉस एसबीआइ के चीफ मैनेजर राघवेंद्र कुमार की सूझबूझ से ठगी नहीं हो पायी. दरअसल, मंत्री के पुत्र की रामदयालु नगर में राजीव ऑटोमोबाइल्स प्रालि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2019 7:16 AM

मुजफ्फरपुर : साइबर फ्रॉड गिरोह ने नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा के पुत्र संजीव शर्मा के अकाउंट से 2.08 करोड़ उड़ाने का प्रयास किया. हालांकि, वे कामयाब नहीं हो सके. रेडक्रॉस एसबीआइ के चीफ मैनेजर राघवेंद्र कुमार की सूझबूझ से ठगी नहीं हो पायी. दरअसल, मंत्री के पुत्र की रामदयालु नगर में राजीव ऑटोमोबाइल्स प्रालि नाम से मारुति कंपनी का शाे रूम है. वे कंपनी के निदेशक भी हैं.

शहर का कोई और व्यवसायी इस प्रकार की ठगी का शिकार नहीं हो, इसके लिए बुधवार को संजीव ने एसबीआइ के अधिकारियों के सामने प्रेसवार्ता कर मामले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मंगलवार को एक फ्रॉड ने खुद को संजीव शर्मा बताते हुए एसबीआइ रेडक्रॉस शाखा के चीफ मैनेजर को फोन किया. उनका अकाउंट नंबर बताते हुए जल्दी से दो करोड़ की एफडी करने को कहा.
फोन आने पर कुछ सेकेंड के लिए चीफ मैनेजर सोचने लगे कि इस तरह से संजीव शर्मा का फोन उनके पास नहीं आता है. मोबाइल पर जब नंबर देखा, तो वह ट्रू कॉलर में संजीव कार डीलर बता रहा था, लेकिन नंबर दूसरा था. इतने में ठगी करने वाले ने फोन काट दिया.
इसी बीच, मैनेजर ने अपने मोबाइल में संजीव शर्मा के नंबर पर फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. इसके बाद उनके अकाउंटेंट राजन को फोन कर इसकी जानकारी दी. तब तक ठगी करने वाले का दूसरा कॉल आया.
इस बार उसने तत्काल एक अकाउंट नंबर व्हाट्सएप कर उसमें आठ लाख रुपये ट्रांसफर करने को कहा. फ्रॉड होने की भनक लगते ही चीफ मैनेजर ने जब उसे डांटना शुरू किया, तो उसने फोन काट दिया. व्हाट्सएप पर भेजा अकाउंट नंबर भी कुछ ही सेकेंड में डिलीट कर दिया.
बैंक फोन पर नहीं मांगता कोई जानकारी. आरएम अरुण कुमार ने बताया कि बैंक अकाउंट से संबंधित कोई जानकारी फोन कर नहीं मांगता है. अगर कोई काम हो, तो वे सीधे ग्राहक को संबंधित कागजात के साथ शाखा में बुलाते हैं.
संजीव शर्मा बैंक के पुराने व बड़े ग्राहक हैं. बैंक ऐसे ग्राहकों का विशेष ध्यान रखता है. हम सभी से यही अपील करते हैं कि वे किसी भी सूरत में अपने अकाउंट व एटीएम संबंधी जानकारी फोन पर न दें.
एक लाख रुपये से ऊपर के चेक क्लीयरेंस पर खाते में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर कन्फर्मेशन के बाद ही उस चेक को क्लीयर किया जाता है. जागरूकता को लेकर सभी शाखा व एटीएम के बाहर बैनर-पोस्टर लगाये जा रहे हैं. उपभोक्ता एसबीआइ योनो एप का इस्तेमाल करें और हमेशा अपडेट रहें.
पटना व जमशेदपुर के डीलरों से हो चुकी है साइबर फ्रॉड की कोिशश
संजीव शर्मा ने बताया कि कुछ महीने पहले पटना व जमशेदपुर के मारुति डीलर से इसी तरह ठगी का प्रयास किया गया था. फ्रॉड के पास उनके अकाउंट संबंधी सारी जानकारी उपलब्ध थी.
उसे यह भी पता था कि अकाउंट में कितनी राशि है, एसबीआइ की ब्याज दर कितनी बढ़ी व घटी, सारी जानकारी थी. उन्होंने उद्यमी, व्यवसायी व आमजन से अपील की कि वे मोबाइल पर बैंक संबंधी कोई जानकारी किसी को न दें.

Next Article

Exit mobile version