मरीज को खुद ट्रॉली पर लिटाकर इमरजेंसी से मेडिसिन विभाग तक दौड़ते रहे परिजन, मौत

मुजफ्फरपुर :एसकेएमसीएच में मंगलवार को सुबह से ही अफरा-तफरी मची है. इमरजेंसी गेट के पास सिर्फ दो ट्रॉली है. एक साथ चार मरीज पहुंचे. दो मरीजोंं के परिजनों ने ट्रॉली ली और अपने-अपने मरीज को लेकर आगे बढ़ गये. बाकी दो ट्रॉली की खोज में जुट गये. ट्रॉली नहीं मिली तो मरीज को कंधे के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 28, 2019 2:30 AM

मुजफ्फरपुर :एसकेएमसीएच में मंगलवार को सुबह से ही अफरा-तफरी मची है. इमरजेंसी गेट के पास सिर्फ दो ट्रॉली है. एक साथ चार मरीज पहुंचे. दो मरीजोंं के परिजनों ने ट्रॉली ली और अपने-अपने मरीज को लेकर आगे बढ़ गये. बाकी दो ट्रॉली की खोज में जुट गये. ट्रॉली नहीं मिली तो मरीज को कंधे के सहारे इमरजेंसी वार्ड की ओर बढ़ गये. पूर्वाहन 11 बजे कांटी के मुस्तफापुर की हरलक्ष्मण देवी को लेकर परिजन पहुंचे.

उन्हें सांस की बीमारी है. खुद ट्रॉली लेकर भीड़ से बचते-बचाते इमरजेंसी में गये. यहां उन्हें दो सूई लगायी गयी. फिर एक्स-रे कराने को कहा गया. इसके बाद उन्हें मेडिसिन विभाग में दिखाने को कहा गया. वहां पहुंचे तो नर्स ने देखते ही कहा- अरे, इनको इमरजेंसी में ले जाओ. परिजन हरलक्ष्मण देवी को ट्रॉली पर लाद कर इधर-उधर भागते रहे और इसी दौरान उनकी मौत हो गयी. परिजन बिफर पड़े. हंगामा शुरू हुआ तो गार्ड उन्हें डपटने लगे. हद तो तब हो गयी, जब मौत के बाद भी शव को ले जाने के लिए वाहन न मिला.

मृतक के पुत्र आदित्य ने अस्पताल प्रबंधन के डॉक्टर व कर्मियों पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा- ट्रॉली लेकर हम इधर-उधर से घूमते रहे और मां की मौत हो गयी.

एसकेएमसीएच प्रबंधन लाख दावा पेश करे, लेकिन सफाई व ट्रॉली मैन की हड़ताल के कारण वहां आने वाले मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल के अंदर गंदगी का आलम यह है कि बिना नाक बांधे नहीं रह सकते हैं. समस्या केवल ट्रॉली खींचने की ही नहीं है, बल्कि इमरजेंसी के पास जो रैंप बना है उसे नीचे काफी गड‍्ढे हैं.

इस कारण मरीज के परिजनों को ट्रॉली ऊपर चढ़ाने व उतारने में परेशानी होती है. मंगलवार को इस कारण कई मरीज ट्रॉली पर से गिरते-गिरते बचे हैं.

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