शाश्वत सृजन यात्रा से डॉ अरुण बने श्रेष्ठ रचनाकार

मुजफ्फरपुर : साहित्यकार व भाषा शास्त्री डॉ अवधेश्वर अरुण के जन्म-दिवस पर रविवार को तथागत सांस्कृतिक फाउंडेशन व अरुणादित्य ट्रस्ट की ओर से पड़ाव पोखर के मसीप बज्जिका दिवस मनाया गया. अध्यक्षता डॉ रेवती रमण ने की. उन्होंने कहा कि डॉ अवधेश्वर अरुण बज्जिका के लोकप्रिय रचनाकार हैं. इनकी अपनी भाषा शैली व प्रस्तुति का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2019 9:11 AM

मुजफ्फरपुर : साहित्यकार व भाषा शास्त्री डॉ अवधेश्वर अरुण के जन्म-दिवस पर रविवार को तथागत सांस्कृतिक फाउंडेशन व अरुणादित्य ट्रस्ट की ओर से पड़ाव पोखर के मसीप बज्जिका दिवस मनाया गया. अध्यक्षता डॉ रेवती रमण ने की. उन्होंने कहा कि डॉ अवधेश्वर अरुण बज्जिका के लोकप्रिय रचनाकार हैं.

इनकी अपनी भाषा शैली व प्रस्तुति का शिल्प है, जो पाठकों को बरबस आकर्षित करता है. इस मौके पर मुख्य अतिथि शैलेंद्र पांडेय ने डॉ यशवंत की पुस्तक लोकतीर्थ का लोकार्पण किया. उन्होंने कहा कि तीर्थ हमारी आध्यात्मिक चेतना का विस्तार करते हैं. तीर्थ के माध्यम से हम देवत्व का दर्शन करते हैं.
डॉ यशवंत की पुस्तक लोकतीर्थ हमारी परंपरा के दिव्य भाव का दर्शन कराती है. उन्होंने कहा कि डॉ अरुण अपनी शाश्वत सृजन यात्रा के कारण हिंदी व बज्जिका के श्रेष्ठ रचनाकार हैं. आचार्य धीरज झा धर्मेश ने लोकतीर्थ को लोक परंपरा की धरोहर बताया. डॉ संजय पंकज ने कहा कि बज्जिका केवल भाषा ही नहीं, संस्कृति भी है.
इसकी अनुभूति डॉ अरुण की कृति बज्जिका रामायण को पढ़ते हुए होती है. डॉ यशवंत की कृति लोकतीर्थ भारतीयता की आध्यात्मिकता चेतना को जानने समझने के लिए अनिवार्य है. इस मौके पर बज्जिका में लेखन के लिए ब्रह्मदेव कार्यी व डॉ हरिनारायण सिंह हरि को शॉल व स्मृति चिह्न देकर महाकवि डॉ अवधेश्वर अरुण सम्मान से सम्म्मनित किया गया. कवि डॉ अवधेश्वर अरुण ने कहा कि बज्जिका के विकास के लिए वे हमेशा प्रयत्नशील रहे हैं.
यह लोक की भाषा है. नयी पीढ़ी को इसके विस्तार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. लेखक डॉ यशवंत ने कहा कि पूर्वजों के संस्कार के कारण ही वे लोकतीर्थ पुस्तक की रचना कर सके. इस मौके पर डॉ रामप्रवेश सिंह, देवेंद्र राकेश, डॉ रामेश्वर प्रसाद, ब्रजनंदन वर्मा, डॉ रामबिलास, डॉ मनोज कुमार, सचिन कुमार, कुमार आदित्य, डॉ धनंजय सिंह ने भी विचार रखे. संचालन रणवीर कुमार राजन व धन्यवाद ज्ञापन कुमार आदित्य ने किया.

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