मन्नत पूरी होने पर वर्षों से कर रहीं महापर्व छठ

मुजफ्फरपुर : लोक आस्था व विश्वास का पर्व छठ केवल एक धर्म के दायरे में नहीं बंधा है. अब दूसरे धर्मों के लोग भी पूरे विधि-विधान से छठ कर रहे हैं. शहर में अन्य धर्म की महिलाएं भी वर्षों से पूरी आस्था से छठ कर रही हैं. इनका विश्वास है कि छठी मइया की कृपा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2019 3:28 AM

मुजफ्फरपुर : लोक आस्था व विश्वास का पर्व छठ केवल एक धर्म के दायरे में नहीं बंधा है. अब दूसरे धर्मों के लोग भी पूरे विधि-विधान से छठ कर रहे हैं. शहर में अन्य धर्म की महिलाएं भी वर्षों से पूरी आस्था से छठ कर रही हैं. इनका विश्वास है कि छठी मइया की कृपा उन पर हमेशा बनी रहती है. जब भी कोई संकट आता है तो छठी मइया उससे उबारती हैं. इस बार भी इन महिलाओं ने पूरी आस्था से नहाय-खाय किया.

संतान के लिए शुरू किया था छठ व्रत
चतुर्भुज स्थान रोड की मलका पिछले 24 वर्षों से छठ कर रही हैं. ये पूरे विधि-विधान से छठ करती हैं. कार्तिक महीना शुरू होने के साथ ही मांसाहारी भोजन छोड़ देती हैं.पूरे माह सादा भोजन करती हैं. मलका कहती हैं कि उनके घर के बगल में एक हिंदू परिवार रहा करता था. उनके यहां छठ पूजा होती थी. मैं पूरा विधि-विधान देखा करती थी.
मुझे कोई संतान नहीं थी. उस परिवार की एक महिला ने मुझे कहा कि छठ करने से हर मन्नत पूरी होती है. मैंने मन्नत मांगी कि मुझे संतान होगी ताे छठ करूंगी. छठी मइया की कृपा से संतान की प्राप्ति हो गयी. इसके बाद से मैं लगातार छठ कर रही हूं.
छठी मइया से सूने आंगन में आयी रौनक. चतुर्भुज स्थान रोड की जूली पिछले 14 वर्षों से छठ कर रही हैं. जूली कहती हैं कि उन्हें भी संतान नहीं थी. छठी मइया से मन्नत मांगी तो बेटी का जन्म हुआ. उसके बाद से छठ करना शुरू की.
शुरू में तो काफी परेशानी हुई. लोगों ने बताया था कि छठ में थोड़ी-सी चूक भी नहीं होनी चाहिए, इसलिए बड़ी सावधानी से पूजा की तैयारी करती थी. जहां भी कोई समस्या आती तो बगल के परिवार से पूछ लेती. वे लोग भी मेरा सहयोग करते. पहली बार पूजा को समझने में परेशानी हुई थी, लेकिन उसके बाद से कभी कोई दिक्कत नहीं हुई. इसके बाद से छठ करने का क्रम निरंतर जारी रहा.
पति के स्वस्थ होने के लिए किया छठ
बड़ी पन्ना रोड की बेबी कुमारी कहती हैं कि वे पिछले छह वर्षों से छठ कर रही हैं. पति को टीबी हो गया था. इलाज के बाद भी वे ठीक नहीं हुए. तब मन्नत मांगी कि पति ठीक हो जाएंगे तो छठ करूंगी. इसके बाद से छठ करना शुरू किया. पहली बार छठ करना बहुत मुश्किल था. पूरी पवित्रता से सब कुछ करना आसान नहीं था.
हालांकि छठ करने में पड़ोस के परिवारों का योगदान रहा. उन लोगों ने मुझे हर चीज को अच्छी तरह समझाया. उसके बाद से लगातार छठ कर रही हूं. अब कोई परेशानी नहीं होती. छठी महया की कृपा है कि मैं हर काम अच्छी तरह कर लेती हूं. उनकी कृपा से हम सभी खुश हैं.

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