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अब घर-घर जाकर दिया जायेगा जेइ का वैक्सीन

मुजफ्फरपुर : जिस तरह से पोलियो की दो बूंद बच्चों को घर-घर जाकर पिलायी जाती है, अब उसी तर्ज पर जापानी इंसेफेलाइटिस का वैक्सीन बच्चों को घर-घर जाकर दिया जायेगा. प्रथम चरण में यह अभियान चार जिलों- मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर और वैशाली में चलेगा. इसके बाद इसे उन जिलों में भी चलाया जायेगा, जहां एइएस […]

मुजफ्फरपुर : जिस तरह से पोलियो की दो बूंद बच्चों को घर-घर जाकर पिलायी जाती है, अब उसी तर्ज पर जापानी इंसेफेलाइटिस का वैक्सीन बच्चों को घर-घर जाकर दिया जायेगा. प्रथम चरण में यह अभियान चार जिलों- मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर और वैशाली में चलेगा. इसके बाद इसे उन जिलों में भी चलाया जायेगा, जहां एइएस से बच्चे पीड़ित हो रहे हैं. मंगलवार को सीएम ने यह निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पानापुर हवेली पंचायत भवन पर एइएस की समीक्षा बैठक के दौरान दी.

उन्होंने राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक लोकेश कुमार सिंह से कहा कि वह इसके लिए सर्वे प्लान तैयार कर सभी सिविल सर्जन को दें. इसके बाद सभी सिविल सर्जन अपने क्षेत्र में बच्चों को जेइ के वैक्सीन दिलायेंगे. समीक्षा बैठक के दौरान जब जेइ टीकाकरण की रिपोर्ट देखी गयी तो उसमें पाया गया कि सीतामढ़ी, वैशाली, शिवहर और मुजफ्फरपुर में एक चौथाई बच्चे इससे वंचित रह गये थे.
इस सवाल पर सिविल सर्जन ने कहा कि कैंप के दौरान ये बच्चे नहीं पहुंचे थे, जिससे ये वंचित रह गये. हालांकि, बाद में वैक्सीन के लिए फिर कैंप लगाये जाने थे, लेकिन मिजिल्स रूबेला वैक्सीन आने के बाद इसे तत्काल देने से मना कर दिया गया था. इससे एक चौथाई बच्चे वंचित रह गये.
एइएस में कारगर है जेइ वैक्सीन
स्वास्थ्य विभाग की मानें तो एइएस में जेइ वैक्सीन कारगर है. जिन बच्चों को दी जा रही हैं, वे बच्चे जापानी इन्सेफेलाइटिस बीमारी के चपेट में नहीं आते हैं. वर्ष 2018 में मिजिल्स रूबेला वैक्सीन आने के बाद जेइ के टीका को नियमित टीकाकरण से बंद कर दिया गया था. लेकिन, जब एइएस से बच्चे अधिक पीड़ित होने लगे तो एक बार फिर से जेइ के वैक्सीन नियमित टीकाकरण में शामिल करने का निर्णय लिया गया है.
सीएम ने लांच की मोबाइल वाणी
मुजफ्फरपुर : मालती बहन, कहां भागी जा रही हो. अरे, मुझे जीविका की मीटिंग में जाना है. वहां आशा दीदी आयी हैं, जो चमकी-बुखार के लक्षणों को बतायेंगी. मुजफ्फरपुर में गर्मी-बरसात के समय चमकी बुखार की बीमारी होती है. इससे अधिकतर एक से 15 साल के बच्चे पीड़ित होते हैं.
इसके लिए बचाव जरूरी है. यह संदेश जीविका दीदी का है, जिसे मोबाइल से नि:शुल्क सुना जा सकता है. टॉल फ्री नंबर 8800458666 पर कॉल कर कोई भी चमकी बुखार के लक्षणों व बचाव के तरीकों को सुन सकता है.
‘मोबाइल वाणी’ नाम से इस टॉल फ्री नंबर की शुरुआत सीएम ने मंगलवार को की. पानापुर हवेली में आयोजित कार्यक्रम में टॉल फ्री नंबर पर उन्होंने फोन कर इसका शुभारंभ किया. यदि किसी बच्चे में इस तरह का लक्षण दिखता है तो टॉल फ्री नंबर पर इसकी सूचना भी दी जा सकती है.
जो बच्चा जिस क्षेत्र का होगा, उसके नजदीकी जीविका समूह बच्चे को शीघ्र ही प्रखंड या जिला अस्पताल तक पहुंचाने की व्यवस्था करेगा. इस नंबर पर मोबाइल वाणी के 89 रिकॉर्ड संदेश व समूह की दीदियों की ओर 3126 संदेश रिकॉर्ड किये गये हैं.
इसके माध्यम से लगातार 1.19 लाख घंटे तक संदेश सुना जा सकता है. बिल व मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से शुरू हुए माेबाइल वाणी में समूह की दीदियों का प्रशिक्षण व जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जायेगा. साथ ही समुदाय के सदस्यों के बीच मातृत्व खाद्य विविधता, पूरक आहार, परिवार नियोजन, स्वच्छता व अन्य सामाजिक विषयों पर भी जानकारी दी जायेगी.

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