मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में जज के अवकाश पर रहने के कारण नहीं हो सकी सजा पर सुनवाई
नयी दिल्ली / मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट में सजा पर फैसला जज के अवकाश पर रहने के कारण टल गया. सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए अब नयी तिथि का एलान किया जायेगा. मालूम हो कि दिल्ली के साकेत स्थित पोक्सो कोर्ट ने मुजफ्फरपुर […]
नयी दिल्ली / मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट में सजा पर फैसला जज के अवकाश पर रहने के कारण टल गया. सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए अब नयी तिथि का एलान किया जायेगा. मालूम हो कि दिल्ली के साकेत स्थित पोक्सो कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में 19 लोगों को दोषी ठहराया है. अदालत ने करीब 1546 पन्नों के आदेश में 19 आरोपितों को शेल्टर होम में रहनेवाली लड़कियों से यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया है. जबकि, एक आरोपित मोहम्मद साहिल उर्फ विक्की को सबूतों के अभाव में अदालत ने बरी कर है.
कानूनविदों के अनुसार, ब्रजेश ठाकुर समेत चार दोषियों को उम्रकैद की सजा हो सकती है. वहीं, अन्य दोषी करार दिये गये लोगों को कम-से-कम सात साल से लेकर दस साल तक की सजा हो सकती है. दिल्ली के साकेत स्थित पोक्सो कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ ने 20 जनवरी को ब्रजेश ठाकुर समेत 19 आरोपितों को मामले में दोषी ठहराया था.
ब्रजेश ठाकुर के अलावा और कौन-कौन हैं दोषी?
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में ब्रजेश ठाकुर के अलावा अधीक्षक रही इंदु कुमारी, मीनू देवी, चंदा देवी, काउंसलर मंजू देवी, नर्स नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी, तत्कालीन सीपीओ रवि रौशन, सीडब्लूसी के अध्यक्ष रहे दिलीप कुमार, सीडब्लूसी के सदस्य रहे विकास कुमार, ब्रजेश ठाकुर का ड्राइवर विजय तिवारी, कर्मचारी गुड्डू पटेल, कृष्णा राम, बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी, रामानुज ठाकुर, रामाशंकर सिंह, अश्विनी, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु दोषी करार दिये गये हैं.