बीबीए कोर्स की मंजूरी के लिए राजभवन को सौंपा प्रस्ताव

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में चल रहे बीबीए कोर्स की मंजूरी के लिए पहल तेज हो गयी है. विवि प्रशासन की ओर से इसके लिए राजभवन को प्रस्ताव सौंपा जा चुका है. इसमें तीन वर्षीय कोर्स का सिलेबस व रेगुलेशन शामिल है. विवि ने अपने प्रस्ताव में कोर्स को वर्ष 2002 से ही मंजूरी देने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2014 5:59 AM

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में चल रहे बीबीए कोर्स की मंजूरी के लिए पहल तेज हो गयी है. विवि प्रशासन की ओर से इसके लिए राजभवन को प्रस्ताव सौंपा जा चुका है. इसमें तीन वर्षीय कोर्स का सिलेबस व रेगुलेशन शामिल है.

विवि ने अपने प्रस्ताव में कोर्स को वर्ष 2002 से ही मंजूरी देने की मांग की है. विवि अधिकारियों की मानें तो इसके लिए राजभवन के एडवाइजरी बोर्ड ने अपनी सहमति जता दी है. अब राज्यपाल की मंजूरी बांकी है. बीबीए कोर्स को मंजूरी मिलने से जहां कोर्स पूरा कर चुके हजारों छात्र-छात्राओं को राहत मिलेगी. स्नातक पार्ट वन व टू की स्पेशल परीक्षा का रास्ता भी साफ हो सकता है. विवि में बीबीए कोर्स वर्ष 2002 से चल रहा है.

पिछले दिनों विवि प्रशासन ने स्नातक पार्ट वन व टू के करीब साढ़े छह हजार प्रमोटेड छात्र-छात्राओं के लिए स्पेशल परीक्षा का प्रस्ताव राजभवन को भेजा था. इसमें परंपरागत के साथ-साथ वोकेशनल कोर्स भी शामिल है. प्रस्ताव की जांच के दौरान राजभवन ने विवि अधिकारियों को बीबीए कोर्स के रेगुलेशन की मंजूरी संबंधित दस्तावेज दिखाने को कहा. काफी खोजबीन के बाद भी वे दस्तावेज नहीं मिले. इससे कोर्स पूरा कर चुके हजारों छात्र-छात्रओं के डिग्री पर संकट छा गया. अंत में राजभवन के एडवाइजरी बोर्ड के निर्देश पर विवि प्रशासन ने गत 12 अगस्त को कोर्स की मंजूरी का प्रस्ताव राजभवन को सौंपा है. बीबीए के रेगुलेशन को मंजूरी के बाद ही स्पेशल परीक्षा पर फैसला होगा.

यूजीसी की सूची में शामिल नहीं होने से परेशानी : वर्ष 1998 में राजभवन ने यूजीसी के गाइड लाइन के आधार पर विवि को बीए, बीएससी, बीकॉम आदि कोर्स शुरू करने की मंजूरी दी थी. इसके आधार पर 2002 में विभिन्न कॉलेजों में बीबीए कोर्स की शुरुआत हुई. पर स्पेशल परीक्षा के लिए स्नातक के ट्रांजिट रेगुलेशन पर विचार के दौरान पता चला कि 1998 में यूजीसी की सूची में बीबीए कोर्स शामिल ही नहीं था. ऐसे में इसके रेगुलेशन को राजभवन की मंजूरी मिली ही नहीं. इसके बाद कोर्स की मंजूरी के लिए नये सिरे से पहल शुरू हुई है.

Next Article

Exit mobile version