पुलिस नहीं, शहर के लोगों ने फिर अपराध करनेवाले तीन युवकों को धर दबोचा. इन्हें आधा घंटे के अंतराल पर पकड़ा गया. पकड़ने के बाद तीनों की जम कर पिटाई की गयी. मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों को अपने कब्जे में लिया. पूछताछ के दौरान इन्होंने शहर में कई और घटनाओं को अंजाम देने की बात स्वीकारी है. पकड़े गये तीनों लुटेरे दूसरे शहरों के रहनेवाले हैं. इनके दो साथी भी फरार होने में सफल रहे. लोगों ने अपराधियों को पकड़ कर फिर अपनी सक्रियता का परिचय दिया है. ऐसे में चुनौती पुलिस के सामने है, वो शहर में हुई वारदातों से कैसे परदा उठाती है.
– घटना- एक
* व्यवसायी के छीन लिये एक लाख रुपये
कंपनी बाग मे चॉकलेट का व्यवसाय करनेवाले मुकेश कुमार ने अपने कर्मचारी अजय कुमार को एक लाख रुपये बैंक में जमा करने के लिए भेजा था. मुकेश का खाता एसबीआइ के चेंबर ऑफ कामर्स शाखा में है. अजय कुमार बैंक में पैसा लेकर पहुंचा, वो जैसे ही फॉर्म भरने लगा. पास में घात लगाये लुटेरे अभिषेक ने उससे रुपयों भरा बैग छीन लिया और भागने लगा. इस पर अजय ने शोर मचाना शुरू कर दिया और उसके पीछे दौड़ने लगा.
आसपास में काफी भीड़ थी. इस वजह से लोग भी तुरंत सक्रिय हो गये. कुछ ही देर में लुटेरे अभिषेक को पकड़ लिया और उसकी जम कर पिटाई शुरू हो गयी. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गयी. मौके पर सिटी एसपी राजेंद्र कुमार भील खुद पहुंचे. उन्होंने लोगों से लुटेरे अभिषेक को छुड़ाया और पुलिसवालों की मदद से उसे थाने लेकर पहुंचे. हालांकि इस दौरान लुटेरे की जम कर धुनाई हो गयी. पकड़े गये लुटेरे अजय ने इंडियन आर्मी की टोपी पहन रखी थी.
* कोढ़ा गिरोह का है अभिषेक
पुलिस से पूछताछ के दौरान अभिषेक ने इस बात का खुलासा किया कि वो कटिहार के कोढ़ा का रहनेवाला है. वो कोढ़ा गिरोह का सक्रिय सदस्य है. उसका एक और साथी बैंक में मौजूद था, जो फरार हो गया. पुलिस ने अभिषेक के साथी को पकड़ने के लिए छापेमारी शुरू कर दी है. अभिषेक ने ये भी बताया कि हम ट्रेन में पाकेटमारी करते थे. मंगलवार को आम्रपाली एक्सप्रेस से मुजफ्फरपुर आये थे. इस दौरान हमने किसी की पॉकेटमारी नहीं की. हमने शहर में घटना को अंजाम देने की ठानी थी.
* खुद चिल्लाने लगा चोर-चोर
लुटेरा अभिषेक रुपये छीन कर बैंक से भाग रहा था. इस दौरान जब उसने खुद को घिरता देखा, तो बड़े ही शातिर तरीके से उसने पास में खड़ी एक मोटरसाइकिल में रुपयों भरा बैग टांग दिया और लोगों के साथ खुद भी चोर-चोर का शोर करने लगा. ये कहते हुये वो लोगों के साथ भागने लगा, लेकिन इसी दौरान पीडि़त अजय कुमार ने अभिषेक को पहचान लिया और उसकी पिटाई शुरू कर दी. जैसे ही पिटाई शुरू हुई, अभिषेक ने खुद सच कबूल कर लिया.
– घटना- दो
* विकलांग छात्र से चालीस हजार लूट कर भागे
पीएचडी केछात्र राजीव कुमार के हौसले के सामने लुटेरे पस्त नजर आये. विकलांग राजीव स्कॉलरशिप का पैसा निकालने मोतीझील के केनरा बैंक पहुंचा था. राजीव को राजीव गांधी नेशनल फॉलोशिप मिली थी. पहली किस्त में चालीस हजार मिले थे. पैसा निकाल कर राजीव बैंक से बाहर आया. वो अपने आवास जीरो माइल के लिए मोटरसाइकिल से निकला.
इसी दौरान तिलक मैदान रोड पर वो जैसे ही आगे बढ़ा. दो बाइक पर सवार चार लुटेरों ने उसे घेर लिया और जबरन बैग से रुपये निकाल लिये और टावर रोड की ओर भाग गये. राजीव ने लुटेरों को पीछा करना शुरू किया. सरैयागंज टावर पर जाम लगा था. इस वजह से लुटेरे भी उसी में फंसे थे. राजीव ने चारों लुटेरों को पहचान लिया. उसने दौड़ कर रुपये छीननेवाले लुटेरे को पकड़ लिया और शोर करने लगा. इस दौरान पास में ड्यूटी कर रहे ट्रैफिक पास में पुलिस पोस्ट में तैनात सिपाही भी मौके पर पहुंच गये. दो लुटेरों को पकड़ लिया गया, जबकि दो फरार होने में सफल रहे. पुलिस ने मौके पर ही लूटे गये चालीस हजार रुपये बरामद कर लिये. इस दौरान लुटेरों की मोटरसाइकिल भी बरामद की गयी.
* शुरू कर दी पिटाई
जैसे ही दोनों लुटेरे लोगों के हत्थे चढ़े, उनकी पिटाई शुरू कर दी गयी. लोगों ने जम कर दोनों को पीटना शुरू कर दिया. इस दौरान पुलिसवाले लुटेरों को किसी तरह से बचाना चाह रहे थे, लेकिन उनकी एक नहीं चल रही थी. गुस्साये लोग लगातार उन्हें पीट रहे थे. इसी दौरान पुलिस पोस्ट ने दोनों को बाथरूम में बंद कर दिया. इस तरह से दोनों लुटेरों को लोगों से बचाया जा सका, लेकिन जब पुलिस जीप से दोनों को थाने ले जाया जा रहा था, तब लोगों ने फिर दोनों को पीटना शुरू कर दिया.