मुजफ्फरपुर: अपराध पर काबू पाने के लिए दिल्ली पुलिस की तर्ज पर अब शहरी थाना काम करेगा. सिटी एसपी राजेंद्र कुमार भील ने शहरी क्षेत्र के सभी आठ थानों में बीट का सिस्टम बनाया है. प्रत्येक थानाध्यक्ष को बीट का नाम, उससे संबंधित इलाका व प्रतिनियुक्त पदाधिकारी की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.
सिटी एसपी ने कहा कि हर थाने में बीट बंट जाने के बाद अपराध होने पर प्रतिनियुक्त पदाधिकारी की जिम्मेवारी होगी. उन्हें अपने-अपने बीट में सक्रिय अपराधियों, चोर व अन्य वारदात में शामिल लोगों के बारे में सूचना संकलन करने का भी आदेश दिया गया है.
बीट सिस्टम को चुस्त-दुरुस्त किया जायेगा. पूर्व में अलग-अलग क्षेत्र में नाका बनाया गया था, लेकिन पुलिस बल की कमी से यह कारगर नहीं है. सरैयागंज नाका सहित दो तीन को छोड़ कर सब बंद पड़ा है. यह सिस्टम अब थानों से ही संचालित की जायेगी.
घर बंद है तो दें सूचना : बंद घर में अक्सर चोरी की घटना को देख सिटी एसपी ने कहा कि बीट पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में यह प्रचार करेंगे कि मकान बंद कर जाने पर थाने के मोबाइल पर इसकी सूचना दें. पुलिस आपके बंद घर पर नजर रखेगी. यहीं नहीं, बीट के पदाधिकारी अपने क्षेत्र के मकान मालिक से संपर्क कर पता करेंगे कि उनके मकान में कोई अपराधी छवि का कोई किरायेदार तो नहीं है. अगर है,तो संबंधित व्यक्ति के बारे में पूर्ण जानकारी लेंगे. मकान मालिक को भी स्पष्ट हिदायत है कि अगर उनके मकान में रहने वाले किसी किरायेदार की संलिप्तता आपराधिक वारदात में पायी जाती है तो अपराधी के संरक्षण देने के लिए वे भी जिम्मेवार होंगे.
सात बीट में बंटा नगर थाना
सिटी एसपी के आदेश के बाद नगर थाने को सात बीट में बांटा गया है. हर बीट में फिलहाल दो-दो पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गयी है. बीट नंबर एक चंदवारा की जिम्मेवारी दारोगा नसीम अहमद व वीएन सिंह, बीट नंबर दो कन्हौली में चंद्रिका राम व प्रमोद कुमार सिंह, बीट नंबर तीन पुरानी बाजार में कंचन भाष्कर व फूलचंद्र राम, बीट नंबर चार सरैयागंज नाका में मिथिलेश यादव, बीट नंबर पांच मोतीझील में उमा श्ांकर राय व अरूण कुमार सिंह, बीट नंबर छह सरैयागंज के उत्तरी भाग में संजय राम व राजेंद्र यादव, बीट नंबर सात सरैयागंज से अखाड़ाघाट रोड में यूपी रमण व विजय शंकर सिंह को तैनात किया गया है.
पूर्व में भी हो चुकी है सेक्टर पुलिसिंग
तत्कालीन एसएसपी राजेश कुमार के कार्यकाल में भी अपराध नियंत्रण के लिए शहरी क्षेत्र के थानों को सेक्टर में बांटा गया था. कुछ दिन बाद ही सारी योजना की हवा निकल गयी थी. घटना होने के बाद दो-तीन पदाधिकारी को एसएसपी ने निलंबित कर दिया था, लेकिन उसकी जगह किसी भी पदाधिकारी की तैनाती नहीं हो पायी थी. सेक्टर में तैनात कई का दूसरे थाने में तबादला होने के बाद सारी योजना कागज पर ही सिमट गयी थी. हालांकि सिटी एसपी कहते है कि ऐसा नहीं होगा. इस बात का पूरा ख्याल रखा जायेगा कि कार्रवाई या तबादला होने के बाद उस पदाधिकारी की जगह दूसरे को तैनात कर दिया जाये.