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स्ट्रीट लाइट लगाने में की गयी 15 लाख की गड़बड़ी

गायघाट प्रखंड की शिवदाहा पंचायत में स्ट्रीट लाइट लगाने में वित्तीय अनियमितता की जांच की गयी. डीएम ने सरकारी राशि के गबन की जांच के लिए जिला पंचायती राज पदाधिकारी (डीपीआरओ) को आदेश दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | September 4, 2024 10:24 PM

डीएम ने उपमुखिया की शिकायत पर डीपीआरओ को दिया जांच का आदेश मीनापुर व औराई के बीपीआरओ के नेतृत्व में 36 सदस्यीय टीम ने की जांच 1625 रुपये की स्ट्रीट लाइट का 5350 और 4900 रुपये कराया गया भुगतान प्रतिनिधि, गायघाट प्रखंड की शिवदाहा पंचायत में स्ट्रीट लाइट लगाने में वित्तीय अनियमितता की जांच की गयी. डीएम ने सरकारी राशि के गबन की जांच के लिए जिला पंचायती राज पदाधिकारी (डीपीआरओ) को आदेश दिया. उन्होंने मीनापुर व औराई के प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी के नेतृत्व में 36 सदस्यीय टीम बनाकर जांच के लिए भेजा. शिकायतकर्ता उप मुखिया भारती देवी का आरोप है कि षष्टम व 15वें वित्त आयोग की राशि से सोलर स्ट्रीट लाइट जीइएम पोर्टल पर उपलब्ध मानक के अनुरूप लगाना था. जबकि मुखिया व पंचायत सचिव ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में आदेश की अवहेलना करते हुए जनरल स्ट्रीट लाइट लगा दी. उसी दौरान प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी ने 15 दिसंबर 2022 पत्र भेजकर प्रखंड के सभी मुखिया को निर्देश दिया था कि षष्टम व 15वें वित्त आयोग से सिर्फ सोलर स्ट्रीट लाइट लगानी है. अगर कोई मुखिया या पंचायत सचिव जनरल स्ट्रीट लाइट लगाता है तो वह पूर्ण रूप से वित्तीय अनियमितता है. उसके बावजूद शिवदाहा पंचायत के मुखिया व पंचायत सचिव ने वित्तीय घोटाला की नीयत से जनरल स्ट्रीट लाइट लगा दी. इतना ही नहीं जिस कंपनी की स्ट्रीट लाइट लगायी गयी, उस कंपनी की वही स्ट्रीट लाइट की कीमत मात्र 1625 रुपये है, जबकि मुखिया द्वारा दो अभिलेख खोलकर वही स्ट्रीट लाइट 5350 रुपये व 4900 रुपये का भुगतान कर लगवाया गया़ उप मुखिया भारती देवी का कहना है कि कैश बुक के हर पन्ने में ह्वाइटनर लगाकर छेड़छाड़ की गयी है और करीब 15 लाख की गड़बड़ी की गयी है़ जांच स्थल पर मौजूद ग्रामीण व कुछ वार्ड सदस्यों का आरोप था कि जांच पदाधिकारी जांच के नाम पर गुमराह कर रहे हैं और वित्तीय अनियमितता के बदले पोल पर सिर्फ स्ट्रीट लाइट को देखकर खानापूर्ति कर रहे हैं. प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी संजय पासवान ने कहा कि जांच टीम हर बिंदू पर जांच कर रही है. इस दौरान काफी अनियमितता पायी गयी है. सभी जांच प्रतिवेदन जिला पंचायती राज पदाधिकारी को सौंपी जायेगी.

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