मुजफ्फरपुर : शिक्षकों के वेतन का पैसा गबन करने की आरोपित डीडीओ मीरा कुमारी के मामले पर से परदा उठने लगा है. पहले चरण की जांच में करीब दो करोड़ सरकारी राशि गबन का मामला सामने आया है. मंगलवार को संकुल संसाधन केंद्र मुशहरी में तीन सदस्यीय जांच टीम ने वित्तीय अनियमितता की बात को सच बताया है.
डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान जियाउल होदा खां, डीपीओ लेखा एवं योजना मीना कुमारी व डीपीओ माध्यमिक राजेश कुमार सिन्हा ने बताया कि शिक्षकों की ओर से मिली शिकायत के बाद जांच के प्रथम चरण में वित्तीय अनियमिता सामने आयी है. संसाधन केंद्र पर जांच के दौरान कुल 17 शिक्षकों ने लिखित निकासी संबंधी समस्या व साक्ष्य टीम के समक्ष रखा. इसमें अधिकांश शिक्षकों ने जीपीएफ में गड़बड़ी व वेतन खाता में नहीं पहुंचने की शिकायत की है. हालांकि, अगले जांच की तिथि 10 अक्तूबर निर्धारित की गयी है.वहीं बताया गया कि जांच रिपोर्ट डीएम को उपलब्ध कराया जायेगा.
* फरवरी से जून तक नहीं मिला वेतन : आठ से दस शिक्षकों ने जांच दल को वेतन संबंधी गड़बड़ी का साक्ष्य उपलब्ध कराया है. डीपीओ जियाउल होदा खां ने बताया कि दस शिक्षकों ने शिकायत की है कि फरवरी 2014 से जून माह तक उनके खाते में वेतन नहीं भेजा गया. हालांकि, रोचक बात यह है कि ऐसे अधिकांश शिक्षकों को एलपीसी भी जारी कर दिया गया.
* रिटायरमेंट की राशि में घपला: शिक्षक उमेश ठाकुर ने बताया कि वे छह माह पूर्व मवि (पकड़ी इस्माइल) से रिटायर हुए. उन्होंने जीपीएफ की राशि में गड़बड़ी की शिकायत की. उनके अनुसार उन्हें अब तक 15 लाख रुपये का भुगतान नहीं हो सका है.
* बिना कागजात टीम ने की जांच : सीआरसी मुशहरी में वेतन निकासी से संबंधित एक भी फाइल उपलब्ध नहीं थी. डीपीओ ने बताया कि बिना कागजात के ही पहले दिन जांच की प्रक्रिया को आगे बढ़ायी गयी है. इसके लिए जांच दल ने डीपीओ स्थापना को कागजात उपलब्ध कराने को लेकर पत्र लिखा है. साथ ही पहले दिन आये सभी मामलों से डीपीओ स्थापना मदन राय को अवगत कराया गया है. वहीं डीडीओ मीरा कुमारी के गबन मामले में जेल जाने के बाद से मवि रोहुआ मुशहरी में मध्याह्न भोजन बंद है.गबन मामले में जांच के लिए पहुंची टीम को लोगों ने उक्त जानकारी दी.