घटना पर घटना खुलासा नहीं

मुजफ्फरपुर: जिले में लगातार बड़ी आपराधिक घटनाएं हो रही है. पुलिस हर घटना के बाद विशेष टीम का गठन करती है. छापेमारी शुरू होती है लेकिन मामले का परदाफाश नहीं होता है. जबकि यहां सिटी एसपी, एसएसपी, डीआइजी व आइजी जैसे पदाधिकारी पद स्थापित है. हर घटना के बाद पुलिस लोगों को हिरासत में लेकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 29, 2014 4:48 AM

मुजफ्फरपुर: जिले में लगातार बड़ी आपराधिक घटनाएं हो रही है. पुलिस हर घटना के बाद विशेष टीम का गठन करती है. छापेमारी शुरू होती है लेकिन मामले का परदाफाश नहीं होता है.

जबकि यहां सिटी एसपी, एसएसपी, डीआइजी व आइजी जैसे पदाधिकारी पद स्थापित है. हर घटना के बाद पुलिस लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ करती है लेकिन कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंच रही है. शहर में ऐसे अभी कई मामला है जिसमें पुलिस जांच कर रही है. पैक्स अध्यक्ष गरीबनाथ की हत्या, छात्र निखिल का अपहरण, शुभम हत्या कांड, बैंक मैनेजर हत्याकांड पर अभी तक पुलिस को कुछ ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है.

आठवें दिन भी पुलिस खाली हाथ

नारायण एजुकेशनल प्वांइट के संचालक सत्य नारायण के अपहरण के भी एक सप्ताह बीत गये. लेकिन इसमें भी पुलिस अब तक कोई नतीजे पर पहुंच पायी है. जबकि इस मामले की मॉनिटरिंग सीएम हाउस से लेकर डीजीपी तक स्वयं कर रहे हैं. इस मामले में भी विशेष टीम का गठन किया जा चुका है.

दो दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी है, लेकिन अब तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है. पुलिस की कुछ अधिकारियों की बातों से एसोसिएशन ऑफ बिहार एकेडमिक के सदस्य काफी दुखी है. इनके अनुसार पुलिस के एक वरीय पदाधिकारी ने तो यहां तक कह डाला कि स्कूल चलाना भी व्यवसाय है. और अपहरण भी व्यवसाय है. जबकि थाने स्तर की एक अधिकारी ने बुढ़ी गंडक नदी के किनारे श्मशान घाट व झाड़ियों में स्वयं ढ़ुंढ़ने की नसीहत दे दी.

मैनेजर हत्या कांड में 15 दिन बाद भी नहीं हुई ठोस कार्रवाई

बैंक मैनेजर वीरेंद्र श्रीवास्तव की अहियापुर थाना के आयाची ग्राम स्थित घर पर पंद्रह रोज पूर्व उनकी हत्या कर दी गयी. उसे डकैती का रुप अपराधियों ने देने का प्रयास किया. उस समय भी पुलिस ने विशेष टीम का गठन कर जल्द अपराधियों को दबोचने का दावा किया था. मामले में दो संदिग्ध को हिरासत में भी लिया गया. लेकिन, एक बड़े सफेदपोश के दबाव में उसे छोड़ देने का मामला भी चर्चा में रहा. आज तक पुलिस किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंची. मामले को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.

25 दिन बाद भी नहीं हुई छात्र निखिल की बरामदगी

पच्चीस दिन पूर्व छात्र निखिल का अपहरण कर लिया गया. इसमें उसके पिता वीरेंद्र सिंह ने अपहरण में शामिल लोगों के नाम भी पुलिस को बताये. लेकिन, पुलिस अब तक निखिल को बरामद नहीं कर पायी है. अभी भी वह अपहृतकर्ताओं के चंगूल में है. या फिर उसके साथ कोई घटना घटी. इसका खुलासा पुलिस नहीं कर पायी है. इतना जरूर हुआ कि इस मामले में उसके दो साथियों को जेल भेज दिया गया. अब यह मामला भी पुलिस के ठंडे बस्ते में है. पुत्र के नहीं आने से उसके माता-पिता की बेचैनी बढ़ी हुई है.

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