मुजफ्फरपुर: एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम का कहर बुधवार को बच्चों पर टूट पड़ा. यह दिन बीमार बच्चों के लिए सबसे काला दिन रहा. बीमारी की चपेट में आने वाले सात बच्चों की मौत हो गयी, जबकि सात बच्चों को भरती किया गया.
केजरीवाल अस्पताल में मुशहरी के आठ वर्षीय सुभाष, सकरा की ढाई वर्षीया रीना, मोतीपुर के तीन वर्षीय मुमताज, चकिया के ढाई वर्षीय अजीत, कांटी की साढ़े तीन वर्षीय मुस्कान, सिलौत मनियारी की तीन वर्षीय सुमन मांझी की मौत केजरीवाल अस्पताल में इलाज के दौरान हो गयी. जबकि पूसा सैदपुर की चार वर्षीया अंजलि, अहियापुर के ढाई वर्षीय, मेहसी के चार वर्षीय कृष्ण कुमार, नरसंडा की सात वर्षीया हाशिमा को भरती किया गया.
एसकेएमसीएच में देर रात मीनापुर के 10 वर्षीय राहुल कुमार की मौत हो गयी. यहां भी बोचहां की साढ़े तीन वर्षीया अफसाना व हरपुर खबरी के डेढ़ वर्षीय परवीन को पीयूसीआई में भरती किया गया है.
मॉनीटरिंग में जुटे सिविल सजर्न
केजरीवाल अस्पताल में एक साथ छह बच्चों की मौत के बाद सिविल सजर्न देर शाम तक मॉनीटरिंग करते रहे. वहां के डॉक्टरों से सभी बच्चों के इलाज सहित उसकी स्थिति का जायजा लिया. करीब तीन घंटे तक वे केजरीवाल के एइएस वार्ड में जमे रहे. इस दौरान दिल्ली से आयी एनसीडीसी की टीम के साथ भी विचार-विमर्श किया.
उन्होंने कहा कि अधिकतर बच्चे सुबह के समय ही बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. विशेषज्ञों ने कहा कि डाटा संग्रह में यह बात सामने आयी है. मरने के समय को भी नोट किया जा रहा है. रिसर्च में इन सारे मुद्दों का ख्याल रखा जा रहा है.