निगम की बिजली गुल !

मुजफ्फरपुर: बकाया भुगतान को लेकर नगर निगम व एस्सेल आमने-सामने आ गये हैं. दोनों एक-दूसरे पर करोड़ों का बकाया होने का आरोप लगा रहे हैं. मामले ने गुरुवार की देर रात उस समय और तूल पकड़ लिया, जब एस्सेल के कर्मचारियों ने निगम के पंपों व स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन काटना शुरू कर दिया. देर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2014 4:58 AM

मुजफ्फरपुर: बकाया भुगतान को लेकर नगर निगम व एस्सेल आमने-सामने आ गये हैं. दोनों एक-दूसरे पर करोड़ों का बकाया होने का आरोप लगा रहे हैं. मामले ने गुरुवार की देर रात उस समय और तूल पकड़ लिया, जब एस्सेल के कर्मचारियों ने निगम के पंपों व स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन काटना शुरू कर दिया.

देर रात तक पच्चीस में से सात पंपों की लाइन काटी जा चुकी थी. साथ ही दर्जनों स्ट्रीट की बत्ती भी गुल हो चुकी थी. इस बीच नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा व एस्सेल के अधिकारियों के बीच दो दौर की बातचीत हुई, लेकिन दोनों बार कोई हल नहीं निकल सका. निगम की ओर से भी जवाबी कार्रवाई की बात कही गयी. नगर आयुक्त ने कहा, निगम कर्मी शुक्रवार को एस्सेल के कार्यालयों की तालाबंदी करेंगे. वहीं, डीएम अनुपम कुमार ने मामले में हस्तक्षेप किया, लेकिन खबर लिखे जाने तक एस्सेल ने बिजली कनेक्शन जोड़ने का काम शुरू नहीं किया था.

ठोका था 54 करोड़ का दावा

एस्सेल ने निगम पर 54 करोड़ बकाया बिजली बिल होने का दावा ठोका था. इसको लेकर निगम को नोटसि भी भेजा गया था, लेकिन 17 सितंबर की बैठक में ये तय हुआ था, जब से एस्सेल ने बिजली का काम संभाला है, तब से ही वो बिल लेने का अधिकारी है. इस पर एस्सेल ने निगम के 35 कनेक्शन चिह्नित किये थे, जिन पर 2.21 करोड़ का बकाया निकला था.

पहले दो, 49.74 करोड़

निगम की ओर से एस्सेल से 49.74 करोड़ रुपये मांगे जा रहे हैं. इसके लिए निगम की ओर से नगर पालिका एक्ट का हवाला दिया जा रहा है. उसका कहना है, निगम क्षेत्र में 15 हजार बिजली के खंभे हैं. जिनसे बिजली सप्लाई होती है. इसके अलावा कई सब-स्टेशन हैं. ये काम निजी कंपनी अपने फायदे के लिए कर रही है. इसलिए उसे आमदनी का 2.5 फीसदी टैक्स के रूप में देना होगा. इसके हिसाब से एस्सेल को निगम को 49.74 करोड़ देने हैं, क्योंकि एक नवंबर 2013 को एस्सेल ने शहर की बिजली व्यवस्था संभाली थी, तब से उसने निगम को कोई टैक्स नहीं दिया है. यही नहीं एस्सेल के दो पावर सब स्टेशन चंदवारा व मिठनपुरा निगम की जमीन पर हैं. जिनका अभी तक किराया नहीं दिया गया है. पहले जब बिजली की सप्लाई सरकार की ओर से की जाती थी, तब भी किराये का भुगतान नहीं हुआ है. नगर आयुक्त ने कहा, 1951 से अब तक बिजली विभाग की ओर से होल्डिंग टैक्स के रूप में एक भी रुपये निगम को नहीं दिये गये हैं, जबकि निगम ने बिजली बिल की एवज में 25 करोड़ रुपये जमा किये हैं.

डीएम ने आज बुलायी बैठक

निगम व एस्सेल के विवाद को लेकर डीएम अनुपम कुमार ने शुक्रवार को बैठक बुलायी है. इसमें नगर आयुक्त व एस्सेल के अधिकारी भाग लेंगे. डीएम ने कहा, शहर के लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जायेगी. इसी वजह से हमने एस्सेल को कनेक्शन जोड़ने का निर्देश दिया है. जहां तक बकाये की बात है, तो दोनों का एक-दूसरे पर बकाया है. इसको हम लोग बैठक कर हल कर लेंगे.

पहले भी हो चुका है विवाद

बकाया बिजली बिल व होल्डिंग को जमा करने को लेकर नगर-निगम व बिजली विभाग के बीच पहले भी कई बार विवाद हो चुका है. निगम व बिजली विभाग ने एक-दूसरे को चेतावनी भरा पत्र भेज बकाया राशि जमा करने का अल्टीमेटम दे चुके है. हालांकि, बाद में वरीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मामला को किसी तरह शांत कराया गया था. एस्सेल व नगर-निगम के बीच भी दो माह पहले बकाया बिजली बिल व होल्डिंग टैक्स को लेकर एक-दूसरे पर कड़ा पत्र लिख चुके हैं.

गहरायेगा पानी संकट

एस्सेल ने 1.46 करोड़ बिजली बिजली बकाये को लेकर शाम पांच बजे से ही निगम के बिजली कनेक्शन काटने शुरू कर दिये थे. कंपनी के अधिकारियों का कहना था कि 17 सितंबर को बैठक हुई थी, जिसमें 2.21 करोड़ का बिल निगम पर बकाया निकला था. 29 सितंबर को निगम की ओर से 75 लाख रुपये जमा कराये गये थे, जबकि बाकी राशि को जमा कराने की अंतिम तिथि 15 अक्तूबर थी. तय समय सीमा में राशि नहीं जमा होने के कारण ही बिजली कनेक्शन काटा जा रहा है. रात दस बजे तक आधा दर्जन पंपों व कई मोहल्लों की स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन कट गया था.

इसकी वजह से मोहल्लों में अंधेरा हो गया था. शहर के मुख्य चौक-चौराहों पर लगे हाइमास्ट लाइट की बिजली भी काट गयी गयी. इससे कई चौक-चौराहे अंधेरे में डूब गये. जूरन छपरा, आमगोला व मोतीझील के हाइमास्ट की बिजली काट दी गयी थी. इस बीच नगर आयुक्त ने एस्सेल के अधिकारियों से बात की. कहा, अगर आप की ओर से निगम की बिजली काटी गयी, तो हम भी जवाबी कार्रवाई करेंगे.

निगम का लगभग पचास करोड़ का होल्डिंग टैक्स एस्सेल पर बाकी है. इसको लेकर हम आपके कार्यालयों में तालाबंदी करेंगे, लेकिन इससे परेशानी आम जनता को होगी. इस पर एस्सेल की ओर कनेक्शन जोड़े जाने की बात कही गयी, लेकिन रात दस बजे तक कनेक्शन नहीं जोड़े गये थे. रात साढ़े दस बजे एस्सेल की ओर से कहा गया, हम कनेक्शन तब तक नहीं जोड़ेंगे, जब तक निगम की ओर से बकाया का भुगतान नहीं होता है.

इसके बाद नगर आयुक्त ने फिर से एस्सेल अधिकारियों से बात की, लेकिन बात नहीं बनी. इस पर नगर आयुक्त की ओरे फिर जवाबी कार्रवाई की बात कही गयी. इस बीच मामले की जानकारी डीएम अनुपम कुमार को मिली, तो उन्होंने एस्सेल के अधिकारियों को निगम के बिजली कनेक्शन जोड़ने को कहा, लेकिन देर रात तक इसको लेकर एस्सेल की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी थी. वहीं, एस्सेल के प्रवक्ता राशिद मसूद से रात बारह बजे बात की गयी, तो उन्होंने कहा, हमें कनेक्शन जोड़ने का कोई निर्देश नहीं मिला है. अभी थोड़ी देर में हम अपने वरिष्ठ अधिकारियों से बात करके बताते हैं. इसके बाद एस्सेल के प्रवक्ता का फोन नहीं लगा.

एस्सेल ने जो कदम उठाया है. वह सही नहीं है. बिजली व पानी पंप का कनेक्शन कटने से शहरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. दिवाली व छठ से ठीक पहले इस तरह का फैसला ठीक नहीं है. मैंने एस्सेल के अधिकारियों को फोन कर समझाया है. इसके बावजूद यदि वे लोग नहीं माने. अब शुक्रवार से वे अपने कर्मचारियों से बकाया होल्डिंग टैक्स भुगतान करने तक एस्सेल के कार्यालय में ताला लगायेंगे.

हिमांशु शर्मा, नगर आयुक्त

निगम पर समझौता के बाद 35 कनेक्शन का 1.46 करोड़ रुपये बकाया है. कई बार नोटिस किया गया, लेकिन निगम बकाया राशि जमा करने में दिलचस्पी नहीं ले रहा था. इसके बाद हमने कनेक्शन काटने का फैसला लिया है. निगम अब जब तक बकाया राशि नहीं जमा करता है. कनेक्शन कटा रहेगा, जहां तक बात है होल्डिंग राशि बकाया का. इसका कोई नोटिस अब तक हमें नहीं मिला है.

आशिफ मसूद, पीआरओ एस्सेल

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