स्टे के बाद भी नहीं रुका काम

मुजफ्फरपुर : रोक के बावजूद गन्नीपुर स्थित आइटीआइ की जमीन पर शनिवार को भी प्रयोगशाला के भवन व चहारदीवारी का निर्माण जारी रहा. प्रशासन ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. अपर समाहर्ता के आदेश का पालन नहीं होता देख कॉलेज के प्राचार्य नागेश्वर राय ने अब इसकी शिकायत वरीय अधिकारियों से करने का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:49 PM

मुजफ्फरपुर : रोक के बावजूद गन्नीपुर स्थित आइटीआइ की जमीन पर शनिवार को भी प्रयोगशाला के भवन व चहारदीवारी का निर्माण जारी रहा. प्रशासन ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. अपर समाहर्ता के आदेश का पालन नहीं होता देख कॉलेज के प्राचार्य नागेश्वर राय ने अब इसकी शिकायत वरीय अधिकारियों से करने का फैसला लिया है. उन्होंने इस मामले से श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव को अवगत कराया है. विभाग ने प्राचार्य को सोमवार को डीएम अनुपम कुमार से मिल इसकी शिकायत करने को कहा है

बताया जाता है कि नवंबर 2011 में आइटीआइ की जमीन को खासमहाल बना कर विधि विज्ञान प्रयोगशाला के लिए आनन-फानन में आवंटित किया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सेवा यात्रा के दौरान एक सप्ताह के भीतर शिलान्यास को लेकर प्रशासन ने यह जमीन जल्दबाजी में प्रयोगशाला के नाम आवंटित दी थी.

हालांकि, शिलान्यास के तुरंत बाद प्राचार्य ने इसकी शिकायत डीएम से की थी. इसके बाद तत्कालीन डीएम संतोष कुमार मल्ल ने अपर समाहर्ता सुधीर कुमार सिंह को जांच का निर्देश दिया था. डीएम के आदेश पर अपर समाहर्ता ने मामले की जांच की. इसमें सीओ द्वारा कॉलेज की जमीन को खासमहाल बनाने की पुष्टि भी हुई, लेकिन तब तक बात आगे तक बढ़ चुकी थी.

* पुलिस ने नहीं की थी कार्रवाई
सीएम के शिलान्यास के बाद निर्माण कार्य भी तेजी के साथ शुरू हो गया था. इसके बाद सभी अधिकारियों ने प्राचार्य के साथ बैठक कर अपनी सहमति देने की बात कही, लेकिन प्राचार्य ने इससे इनकार कर दिया. इसके बाद प्राचार्य ने श्रम संसाधन विभाग को सारे मामले से अवगत करा दिया. विभाग के निर्देश पर प्राचार्य ने काजी मोहम्मदपुर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करायी, लेकिन पुलिस द्वारा यह कहते हुए कोई कार्रवाई नहीं की गयी कि सीएम ने शिलान्यास किया है और पुलिस का भवन है. इसलिए हमलोग कुछ नहीं कर सकते.

* अपर समाहर्ता ने शुक्रवार को लगायी थी रोक
* एक सप्ताह के भीतर कॉलेज की जमीन को बनाया गया खासमहाल
* सीओ की गलती का खुलासा होने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
* प्राथमिकी के बाद भी कार्रवाई में थाने ने नहीं दिखायी दिलचस्पी

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