नौ सदस्यीय कमेटी करेगी कर्मियों का पे-फिक्सेशन
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के पीजी विभागों व 39 अंगीभूत कॉलेजों के कर्मचारियों का वेतन निर्धारण होना है. कुलपति डॉ पंडित पलांडे के आदेश पर इसके लिए नौ सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. पूर्व वित्त पदाधिकारी व नव नियुक्त ओएसडी फाइनेंस जेएनपी सिंह इसके अध्यक्ष बनाये गये हैं. अन्य सदस्यों में अजरुन सिन्हा […]
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के पीजी विभागों व 39 अंगीभूत कॉलेजों के कर्मचारियों का वेतन निर्धारण होना है. कुलपति डॉ पंडित पलांडे के आदेश पर इसके लिए नौ सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. पूर्व वित्त पदाधिकारी व नव नियुक्त ओएसडी फाइनेंस जेएनपी सिंह इसके अध्यक्ष बनाये गये हैं.
अन्य सदस्यों में अजरुन सिन्हा (सेक्शन ऑफिसर), केके मिश्र (लेखा विभाग), एसएम चक्रवर्ती, आरएन ठाकुर (दोनों पेंशन विभाग), पंकज भूषण (आरडीएस कॉलेज), गौरव (कुलसचिव कार्यालय), एसके झा व राजेश कुमार (लेखा विभाग) शामिल हैं. कमेटी पूर्व में हुए पे-फिक्शेसन की आपत्तियों की जांच भी करेगी. तीस दिनों के अंदर वह अपनी रिपोर्ट कुलपति डॉ पंडित पलांडे को सौंपेगी.
बीते माह पीजी विभाग व अंगीभूत कॉलेजों के कर्मियों को जून, जुलाई, अगस्त व सितंबर माह के वेतन का भुगतान हुआ. इसमें आरडीएस व एलएस कॉलेज के सौ से अधिक कर्मियों को दो साल पूर्व हुए पे-फिक्शेसन के आधार पर राशि निर्गत की गयी. इससे सबसे ज्यादा नुकसान अनुकंपा पर बहाल कर्मियों को हुआ. उनके वेतन से प्रति माह आठ हजार रुपये तक की कटौती हुई. कर्मचारियों ने मामले की शिकायत कुलपति से की व भेद-भाव का आरोप लगाया. साथ ही पूर्व में हुए पे-फिक्शेसन पर भी आपत्ति जतायी. इसके बाद कुलपति ने नये सिरे से सभी कर्मचारियों के पे-फिक्शेसन व आपत्तियों की जांच का फैसला लिया.
नहीं हुआ बकाया भुगतान: आरडीएस कॉलेज के कर्मी पंकज कुमार ने बताया कि वार्ता के दौरान कुलपति डॉ पंडित पलांडे ने आरडीएस व एलएस कॉलेज कर्मियों के वेतन से काटी गयी राशि के भुगतान का आश्वासन दिया था. इस संबंध में मौके पर ही लेखा विभाग के कर्मचारियों को आदेश भी दिया गया. लेकिन एक माह बीत जाने के बावजूद बकाया का भुगतान नहीं हुआ. सरकार ने अक्तूबर माह का वेतन भी निर्गत कर दिया है. ऐसे में भय है कि कहीं एक बार फिर कर्मचारियों के वेतन से राशि की कटौती न हो जाये. हालांकि कुलपति का आदेश है कि नया पे-फिक्शेसन एक साथ पीजी विभागों व सभी अंगीभूत कॉलेजों में लागू होगा.