मुजफ्फरपुर: खाद्य पदार्थो की जांच के लिए बनी कमेटी 10 दिन बीतने के बाद भी जांच के लिए नहीं निकली है. कुछ अधिकारियों के असहयोग के कारण कमेटी का गठन विभाग का कोरम ही रहा.
कमेटी के नेतृत्वकर्ता एसीएमओ डॉ जेपी रंजन को इंतजार है कि कमेटी में शामिल अधिकारी उनके पास आये तब वे जांच की योजना बनाये. जबकि खाद्य सुरक्षा अधिकारी खुद को स्वास्थ्य विभाग के अधीन नहीं मानते. वे स्वतंत्र रूप से कार्य करना चाहते हैं. नतीजा जांच के लिए बनी टीम की अब तक जांच की योजना नहीं बन पायी है. विभागीय उदासीनता के कारण त्योहार का सीजन भी निकल चुका है, लेकिन किसी भी प्रतिष्ठान में खाद्य पदार्थो की जांच नहीं हो पायी. इस बाबत पूछने पर सभी अधिकारी एक दूसरे पर दोषारोपण कर खुद को बचा लेते हैं.
जानकारी हो कि खाद्य पदार्थो की जांच के लिए सिविल सजर्न ने धावा दल का गठन किया था, जिसमें एसीएमओ डॉ जेपी रंजन, डॉ एससी झा, खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी राजेश कुमार, मुकेश कश्यप व कार्यालय सहायक गुणानंद चौधरी को शामिल किया गया था.
खाद्य पदार्थो की जांच के साथ नमूना भी संग्रह करना है. यह काम खाद्य सुरक्षा अधिकारी ही करेंगे. लेकिन वे मेरे पास नहीं आते. उनके असहयोग के कारण खाद्य पदार्थो की जांच नहीं हो पा रही है.
डॉ जेपी रंजन, एसीएमओ
खाद्य सुरक्षा विभाग अब स्वास्थ्य विभाग से अलग हो चुका है. मैं अब सीएस के अधीन नहीं हूं. कमेटी के बारे में मुङो जानकारी नहीं है.
राजेश कुमार, खाद्य सुरक्षा अधिकारी