जीरो माइल चौक से हर माह 50 लाख का सुविधा शुल्क
रवींद्र मुजफ्फरपुर : जीरो माइल चौक के आसपास फुटपाथ पर लगनेवाली दुकानों से हर माह लगभग पचास लाख की वसूली होती है. सुनने में ये रकम आपको ज्यादा लग सकती है, लेकिन हकीकत यही है. शहर के सबसे बड़े चौक के आसपास काफी जगह जगह खाली है. इस सरकारी जगह को आसपास के बिल्डिंग व […]
रवींद्र
मुजफ्फरपुर : जीरो माइल चौक के आसपास फुटपाथ पर लगनेवाली दुकानों से हर माह लगभग पचास लाख की वसूली होती है. सुनने में ये रकम आपको ज्यादा लग सकती है, लेकिन हकीकत यही है. शहर के सबसे बड़े चौक के आसपास काफी जगह जगह खाली है.
इस सरकारी जगह को आसपास के बिल्डिंग व दुकानवालों ने कमाई का जरिया बना लिया है, जिस बिल्डिंग के सामने जितनी दुकानें लगती है, उसके लोग दुकानों से वसूली करते हैं. सड़क के आसपास लगनेवाले दुकानों से वसूली इलाके के कथित असरदार लोग करते हैं. इस बात की जानकारी स्थानीय पुलिस को भी है, लेकिन वो मौन रहती है.
शहर का सबसे बड़ा चौक. जीरो माइल चौक को शहर के उत्तरी क्षेत्र का प्रवेश द्वार माना जाता है. यहां आसपास की जमीन पर लगभग दो हजार दुकानें अवैध रूप से लगती है. ठेले से लेकर झोपड़ी तक में दुकानें सजती हैं, जिनसे रोजमर्रा की जिंदगी में प्रयोग होनेवाले सामनों की बिक्री होती है. दुकानदारों के पास कोई वैध वजह नहीं होना ही अवैध वसूली को बढ़ावा दे रहा है. जानने के बाद भी फुटपाथ पर दुकान लगानेवाले अपना शोषण करवाने को मजबूर है.
सुविधा शुल्क से कमाई. फुटपाथी दुकानदार बोलना तो चाहते हैं, लेकिन अपना नाम उजागर करना नहीं चाहते हैं. ये कहते हैं, अगर हमारा नाम आ गया, तो दुकान हटा देंगे और हमारे लिये परेशानी खड़ी हो जायेगी. एक दुकानदार कहता है, दिनभर धूल-मिट्टी के बीच कमाते हम हैं, लेकिन हिस्सा बटाने के लिए सड़क के किनारे बने मार्केट के मालिक आदमी आ जाते हैं. कई दुकानदार कहते हैं, कई बिल्डिंगवालों को दुकानों के किराये से ज्यादा सुविधा शुल्क से कमाई होती है.
ऑटोवालों से वसूली
यहां के दुकानदारों को प्रशासन से ज्यादा उम्मीद नहीं दिखती है. कहते हैं, अधिकारी सब जानते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं है. चौक से गुजरनेवाले ऑटो चालकों अलग ही व्यथा है. इन्हें भी यहां दबंगों का शिकार होना पड़ रहा है. एक तो इंचाजिर्ग के नाम पर उनसे 10 रुपया से लेकर 30 रुपया प्रति दिन लिया जा रहा है, तो दूसरी ओर बैरिया बस पार्किग के नाम पर ऑटो से आठ रुपया व चार चक्का वाहनों से 18 रुपया व बसों से 24 से 30 रुपया तक वसूला है.
चलता है अपना साम्राज्य
जीरो माइल चौक पर प्रशासन का भय नहीं दिखता है. यहां अपना साम्राज्य है. पुलिस शोषण करनेवालों का साथ देती है. यदि कोई मामला उठता भी है, तो रुपये के जोर पर सुलझा दिया जाता है. वसूली का दायरा चौक के आसपास के इलाकों तक फैला है. इसमें जीरो माइल चौक से सहबाजपुर मोड़ तक, जीरोमाइल चौक से अहियापुर तक, जीरो माइल चौक से राजेंद्र सेवा कुंज तक व जीरो माइल चौक के पश्चिमी छोड़ तक का क्षेत्र है.
पहले भी इसकी सूचना मिली थी. पैक्स चुनाव के बाद अवैध वसूली के मामले की जांच की जायेगी. जो लोग भी इसमें शामिल होंगे, उन पर कार्रवाई होगी.
अनुपम कुमार, डीएम, मुजफ्फरपुर