थैलीसीमिया से पीड़ित 2006 बच्चों का होगा बोन मैरा ट्रांसप्लांटेशन
थैलीसीमिया से पीड़ित 2006 बच्चों का होगा बोन मैरा ट्रांसप्लांटेशन
-वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल में ऑपरेशन, सरकार करेगी खर्च -मुख्यमंत्री बाल थैलीसीमिया योजना को सरकार ने दी मंजूरी -प्रत्येक जिलों से थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों का मांगा विवरण मुजफ्फरपुर. बिहार सरकार का स्वास्थ्य विभाग व वेल्लोर का क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, संयुक्त रूप से बिहार के 12 वर्ष से कम उम्र के 2006 बच्चों का बोन मैरो ट्रांसप्लांट करेगा. बच्चों को वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज भेजा जाएगा. ट्रांसप्लांट में 15 लाख की राशि खर्च होगी. जिसका वहन बिहार सरकार करेगी. इसके लिए सरकार ने मुख्यमंत्री बाल थैलीसीमिया योजना को मंजूरी दी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार सूबे में फिलहाल 2400 राेगी थैलीसीमिया से पीड़ित हैं, जिनमें 12 वर्ष से कम उम्र के 2006 बच्चे हैं, जो गंभीर रूप से थैलीसीमिया से पीड़ित हैं. बोन मैरो ट्रांसप्लांट 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का ही किया जाता है, इसलिए इतने बच्चों को स्वस्थ करने की योजना है. बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बाद इन बच्चों को वेल्लोर में ही डे केयर सेंटर में तीन महीने तक रखा जाएगा. इनके रहने व खाने-पीने का खर्च भी बिहार सरकार वहन करेगी. सरकार ने सभी जिले को थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों का डाटा उपलब्ध कराने को कहा है. खून चढ़ाने से लीवर खराब व हार्ट फेल शोध में पाया गया कि थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों को बार-बार खून चढ़ाने से लीवर खराब हो जाता है या हार्ट फेल्योर हो जाता है. इस बीमारी का स्थायी निदान बोन मैरो ट्रांसप्लांट ही है, जिससे बच्चों के शरीर में लाल रक्त कण बनने लगता है. शोध के बाद सरकार ने स्थायी इलाज की योजना बनायी है. नये रोगियों की पहचान के लिए स्थल चयन कर स्क्रीनिंग शिविर भी लगाया जायेगा. रोगियों की जांच के बाद उसका डाटा वेल्लोर के सीएमसी भेजा जाएगा. रोगियों और डोनर की संपूर्ण चिकित्सा की जिम्मेदारी भी बिहार सरकार की होगी.
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