छात्र की राय:: यही हाल रहा तो विवि इतिहास बन जायेगा

रिजल्ट में इतनी देरी, विश्वास नहीं होता! फॉर्म भरे हुए करीब दो महीने बीत चुके हैं, अभी तक परीक्षा की तिथि घोषित नहीं हुई है. बताया जा रहा है दिसंबर में परीक्षा होगी, पर अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं. यहां का सिस्टम ही गड़बड़ है. छात्रों का मन यहां से भर गया है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2014 7:02 PM

रिजल्ट में इतनी देरी, विश्वास नहीं होता! फॉर्म भरे हुए करीब दो महीने बीत चुके हैं, अभी तक परीक्षा की तिथि घोषित नहीं हुई है. बताया जा रहा है दिसंबर में परीक्षा होगी, पर अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं. यहां का सिस्टम ही गड़बड़ है. छात्रों का मन यहां से भर गया है. यही कारण है कि हर साल छात्रों की संख्या घटती जा रही है. ऐसा ही हाल रहा तो विवि इतिहास बन जायेगा.- आदित्य कुमार, एलएलबी, थर्ड इयर (एसकेजे लॉ कॉलेज)सत्र में देरी का सबसे बड़ा कारण पेंडिंग व प्रमोटेड रिजल्ट हैं. परीक्षा की कॉपियों की जांच सही ढंग से नहीं होती है. एक छात्र जो ऑनर्स पेपर में 70 प्रतिशत से अधिक अंक लाता है, सब्सिडयरी में उसे शून्य अंक मिलता है. यहां तक की एमआइएल हिंदी में भी यही हाल है. यह बात हजम नहीं, क्या 15 व 20 पेज लिखने के बावजूद छात्र एक अंक का हकदार भी नहीं है!- अभिषेक कुमार कौशिल्य, पार्ट वन (राजा राम साह कॉलेज, रक्सौल)मेरी पत्नी पीजी 2012-14 बैच की छात्रा है. 2014 में उसका फाइनल रिजल्ट निकल जाना चाहिए, लेकिन अभी तक सेकेंड सेमेस्टर का रिजल्ट भी नहीं निकला. किसी कारण से देरी हो सकती है, पर क्या इतनी देरी होती है? विश्वास नहीं होता. यह सिर्फ यहीं हो सकता है. पहले मालूम होता तो भूल कर भी पत्नी को यहां नामांकन की सलाह नहीं देता. – वसी अहमद, मुशहरी

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