बैठे रहे शिकायतकर्ता नहीं हुई एफआइआर

मुजफ्फरपुर : नन बैंकिंग कंपनी इरिल विहार म्यूचुअल बेनीफीटके जिले से 50 करोड़ लेकर भागने के मामले में गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी. सैकड़ों की संख्या में कंपनी के एजेंट काजी मोहम्मदपुर थाने पहुंचे, लेकिन थानाध्यक्ष ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया. उनका कहना है कि एजेंटों ने आवेदन में अपने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 28, 2014 8:04 AM
मुजफ्फरपुर : नन बैंकिंग कंपनी इरिल विहार म्यूचुअल बेनीफीटके जिले से 50 करोड़ लेकर भागने के मामले में गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी. सैकड़ों की संख्या में कंपनी के एजेंट काजी मोहम्मदपुर थाने पहुंचे, लेकिन थानाध्यक्ष ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया.
उनका कहना है कि एजेंटों ने आवेदन में अपने वेतन का भी जिक्र किया है. यह मामला कोर्ट का है. उन्हें लेबर कोर्ट जाने की सलाह दी गयी है. इसके बाद सभी एजेंट देर शाम अपने घर वापस लौट गये.
थाने में शिकायत करने गये मनियारी निवासी कंपनी के एजेंट विजय कुमार व अन्य एजेंटों ने थाने में बताया कि थाने में शिकायत नहीं ली गई अब वे सभी शुक्रवार को एसएसपी से मिलकर इसकी शिकायत करेंगे. शिकायत करने गये सभी एजेंट कंपनी के रजिस्ट्रेशन नंबर, चेक बाउंस संबंधी सभी जरूरी कागजात लेकर पहुंचे थे.
एजेंटों ने थाने में दिये गये शिकायत में बताया कि धनबाद के सरायढेला स्टीलगेट अंबा टावर स्थित एभरलाइट रियलकान इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी ने शहर में म्युचुअल बेनीफीट, डिपोजिट स्कीम को लेकर वर्ष 2010 में काम शुरू किया. बाद में कंपनी का नाम इआरआइएल हो गया. इस कंपनी के चेयरमैन विप्लव कुमार डे है. वहीं कंपनी के पार्टनर जुल्हिका घोष, चंदन सिन्हा राय, वंदना दत्ता, तापस डे, अरूप रक्षित व तापस दस है. कंपनी ने अघोरिया बाजार में अनवारूल हक नाम व्यक्ति के सहयोग से काम शुरू किया. कंपनी का गहीलो गलेक्सी में कार्यालय खुला.
इसके बाद कंपनी ने एजेंट बनाना शुरू किया. फिर लोगों से योजना के नाम पर पैसे लेने का काम शुरू किया. तब कंपनी पैसा वापस करने में अनाकानी करने लगी. इसके बाद एजेंटों को मिलने वाला कमीश्न भी बंद हो गया, लोगों को पैसा लौटाने से कंपनी पीछे हटने लगी. वहीं कंपनी द्वारा दिये गये चेक बाउंस होने लगे. तब हम सभी एजेंट को संदेह हुआ कि कंपनी ने ठगा है. जब पैसा लौटाने की बात कही जा रही है तो कंपनी अब पीछे हट रही है. ऐसे में कंपनी के अधिकारी व उनके पार्टनर के विरूद्ध शिकायत की जाये. शिकायत करने वाले एजेंटों में सुबोध शर्मा, राज कुमार महतो, मनोज कुमार महतो, दिलीप कुमार, पप्पू कुमार, संतोष नारायण, मो सद्दाम, सुनील पांडे, आलोक नारायण मेहता, लाल बाबू पासवान, कैलाश चौधरी, अन्नु कुमार, सुरेंद्र ठाकुर सहित सैकड़ों की संख्या में एजेंट शामिल थे.

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