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जदयू जिलाध्यक्ष के लिए खींचातानी जारी

मुजफ्फरपुर: जदयू के जिलाध्यक्ष डॉ अशोक शर्मा के पार्टी छोड़े एक पखवाड़ा से अधिक बीत गया है. लेकिन अब तक उनके जगह पर जिलाध्यक्ष का चयन नहीं हो पाया है. प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीJayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री जयंत चौधरी ने किया है जिक्रJustice Yashwant Varma Case: कैसे हटाए जा सकते हैं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2014 3:08 AM

मुजफ्फरपुर: जदयू के जिलाध्यक्ष डॉ अशोक शर्मा के पार्टी छोड़े एक पखवाड़ा से अधिक बीत गया है. लेकिन अब तक उनके जगह पर जिलाध्यक्ष का चयन नहीं हो पाया है.

पार्टी कार्यकर्ताओं व नेताओं के बीच अलग – अलग राय होने के कारण अब तक फैसला नहीं हो पाया है. प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह भी लगातार जिले के नेताओं से संपर्क है. फोन पर लोगों की राय भी जान रहे है. जदयू के सभी प्रखंड अध्यक्षों ने इस मसले पर अपना सुझाव के लिए 6 दिसंबर को पटना में मिलने के लिए प्रदेश अध्यक्ष से समय मांगा है. जदयू सूत्रों के अनुसार प्रखंड अध्यक्षों के सूची में आधा दर्जन नेताओं का नाम है. वे अपने प्रस्ताव में इन्हीं में से किसी एक पर मुहर लगाने की मांग प्रदेश अध्यक्ष से करेगें.

हालांकि इस दौर में अब तक जो नाम आ रहे है. उसमें हरओिम कुशवाहा, मणिभूषण निषाद, पूर्व अध्यक्ष राजेश्वर प्रसाद साह, गणोश भारती, कुमारेश्वर, विभात कुमार, पूर्व विधायक अरुण कुमार सिन्हा, रामाशंकर सिंह, भूषण झा व पूर्व अध्यक्ष विजय प्रसाद सिंह के शामिल होने की बात बतायी जा रही है.

चर्चा यह है कि अरुण कुमार सिन्हा अस्वस्थता के कारण पद लेने पर सहमति नहीं दे रहे है. इनमें से कई नेता लगातार प्रदेश नेतृत्व के संपर्क में है. वे किसी तरह से इस पद को पाने के लिए जुगाड़ लगा रहे है. सभी अपने – अपने लॉबी में लगे हुए है. मंत्री रमई राम व मनोज कुशवाहा अपने मन मुताबिक अध्यक्ष चाह रहे है, लेकिन दोनों मंत्री इसमें खुल कर सामने आने से बच रहे है. पूर्व विधायक विजेंद्र चौधरी व पूर्व एमएलसी के करीबी की चर्चा भी जोरों पर है. अगामी विधान सभा चुनाव के मद्देनजर जातीय समीकरण के आधार पर भी अध्यक्ष के चयन को लेकर भी जिले से लेकर प्रदेश तक पार्टी में मंथन चल रहा है. जदयू सूत्रों के अनुसार कुछ नेताओं की राय है कि पहले जिस जाति के अध्यक्ष रहे है. उनके हटने पर उसी जाति के लोगों को यह पद दिया जाये, वही कुछ लोग पिछड़ी व अतिपिछड़ी समुदाय के नेता को अध्यक्ष बनाये जाने की सलाह दे रहे है. इन्हीं मंथनों को लेकर अब तक अध्यक्ष पद पर चयन की सहमति नहीं बनी है. हालांकि यह चर्चा है कि छह दिसंबर के बाद किसी समय अध्यक्ष की घोषणा की जा सकती है.

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