नये बिल्डिंग बायलॉज से बदलेगा शहर का नक्शा!
मुजफ्फरपुर: सरकार से नये बिल्डिंग बाइलॉज की मंजूरी मिलने के बाद शहर में सालों से लंबित पड़ी कई बहुमंजिली इमारतों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. इससे शहर के आसपास के इलाकों में जहां बहु मंजिली इमारतें बनेंगी. वहीं बड़े-बड़े मॉल व मल्टीप्लेक्स होटल व अस्पताल के बनने की उम्मीदें भी जग गयी […]
मुजफ्फरपुर: सरकार से नये बिल्डिंग बाइलॉज की मंजूरी मिलने के बाद शहर में सालों से लंबित पड़ी कई बहुमंजिली इमारतों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. इससे शहर के आसपास के इलाकों में जहां बहु मंजिली इमारतें बनेंगी. वहीं बड़े-बड़े मॉल व मल्टीप्लेक्स होटल व अस्पताल के बनने की उम्मीदें भी जग गयी है.
इससे आने वाले कुछ सालों में राज्य सरकार के साथ-साथ लोगों को भी काफी फायदा होगा. शहर में रियल एस्टेट से जुड़े कारोबारियों की धमक होगी. इससे शहर के विकास में चार चांद लगेगा. हालांकि, बहुमंजिली इमारत के लिए नगर-निगम में अब तक एक मात्र आवेदन ही लंबित है. सैकड़ों की संख्या में अपार्टमेंट, मॉल व अस्पताल के लिए नक्शा तैयार करा लोग अपने पास रखे हुए हैं.
प्रस्तावित गांवों का होगा विकास
शहर से सटे शहर विस्तारीकरण के प्रस्ताव में शामिल इलाकों में सबसे अधिक इमारतें बनने की उम्मीदें हैं. निगम के नक्शा सेक्शन से जुड़े कर्मियों का कहना है कि बहुमंजिली इमारत व मॉल को लेकर अब तक कोई आवेदन नहीं आया है, लेकिन शहर के पूर्वी व पश्चिमी इलाका, जिसे विस्तारीकरण के प्रस्ताव में शामिल किया गया है. उन इलाके में मॉल, अपार्टमेंट, होटल व अस्पताल के निर्माण के लिए कई लोग संपर्क कर रहे हैं. इससे उम्मीद है कि नया बिल्डिंग बाइलॉज का गजट आने के बाद शहर में एकाएक बहुमंजिला इमारत का निर्माण कार्य तेजी से शुरू होगा.
बिल्डिंग बाइलॉज को लेकर ऑडिटरों की आपत्ति
सरकार की ओर से हाल में नगर-निगम का ऑडिट करने पहुंचे ऑडिटरों ने भवन निर्माण से जुड़े योजनाओं को स्वीकृत करने समय निगम पर बिल्डिंग बाइलॉज का पालन नहीं करने से संबंधित प्रश्न उठाया था. इस पर ऑडिटरों ने कड़ी आपत्ति जतायी थी. ऑडिटर ने इसकी लिखित शिकायत राज्य सरकार से की थी. हालांकि, ऑडिटरों की आपत्ति व शिकायत के बाद नगर आयुक्त ने पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा कि अभी तक शहर में जितने नक्शा पास हुए हैं, उनमें बिल्डिंग बाइलॉज के प्रावधानों का पालन किया गया है. बिहार नगरपालिका एक्ट 2007 में निहित प्रावधानों व राज्य सरकार से समय-समय पर मिल रहे दिशा-निर्देश के तहत ही भवन निर्माण से जुड़े नक्शे पास किये जा रहे हैं.