डीएम का जनता दरबार, दस अधिकारियों के वेतन पर रोक, स्पष्टीकरण

मुजफ्फरपुर: डीएम के जनता दरबार में गुरुवार को प्रभारी डीएम सह डीडीसी कंवल तनुज ने सभी मामलों की सुनवाई की. जनता दरबार के मामलों में उचित कार्रवाई नहीं करने पर जिला सहकारिता पदाधिकारी व छह सीओ सहित दस अधिकारियों के वेतन पर रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया है. वहीं देर से पहुंचने व बिना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2014 2:18 AM

मुजफ्फरपुर: डीएम के जनता दरबार में गुरुवार को प्रभारी डीएम सह डीडीसी कंवल तनुज ने सभी मामलों की सुनवाई की. जनता दरबार के मामलों में उचित कार्रवाई नहीं करने पर जिला सहकारिता पदाधिकारी व छह सीओ सहित दस अधिकारियों के वेतन पर रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया है. वहीं देर से पहुंचने व बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित रहने वाले अपर समाहर्ता आपदा व पश्चिमी एसडीओ सहित डेढ़ दर्जन अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा.

गुरुवार को जनता दरबार में कुल 417 मामलों की सुनवाई हुई. इनमें 148 नये व 269 पुराने मामले थे. नये मामलों की सुनवाई प्रभारी डीएम सह डीडीसी ने खुद की. प्रभारी डीएम ने अपर समाहर्ता (आपदा) भानू प्रताप सिंह, जन शिकायत कोषांग के वरीय प्रभारी विश्वमोहन मिश्र, डीएसओ एचएन पासवान सहित जिले के कई अधिकारियों के साथ पहले पुराने मामलों की समीक्षा की गयी. इसके बाद परिवादों की सुनवाई की गयी.

सहकारिता पदाधिकारी का वेतन रोका . मोतीपुर के सेमरा निवासी धीरज कुमार के परिवाद में जिला सहकारिता पदाधिकारी का वेतन बंद किया गया. आवेदक की शिकायत थी कि सेमरा नवाद पैक्स अध्यक्ष के परिवार के सदस्य सभी पदों का लाभ ले रहे हैं. साथ ही पैक्स अध्यक्ष द्वारा गोदाम के निर्माण में अनियमितता बरती जा रही है. मामले की जांच जिला सहकारिता पदाधिकारी को दी गई थी. समय पर जांच प्रतिवेदन नहीं देने के लिए प्रभारी डीएम ने उनके वेतन पर रोक लगा कर स्पष्टीकरण मांगा.

बोचहां के बरहेता ग्राम निवासी छट्ठू पासवान के मामले में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता, साहेबगंज के भीमपुरा पकड़ी निवासी रामाशीष महतो के परिवाद में सीओ साहेबगंज, पारू के गोकुल रुपौली निवासी राजेंद्र राम के मामले में सीओ पारू, मड़वन के मो फजलेहक के परिवाद में कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना (शिक्षा) के स-समय जांच प्रतिवेदन नहीं देने के लिए इनके वेतन पर रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया. वहीं अन्य मामलों में सीओ बोचहां, सीओ गायघाट, सीओ सकरा, बीडीओ मोतीपुर, पांच मामलों में सीओ मुशहरी के वेतन पर रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया.

18 अधिकारियों से स्पष्टीकरण

जनता दरबार में बिना पूर्व सूचना व अनुमति के अनुपस्थित रहने व देर से आने को लेकर 18 अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया. इनमें अपर समाहर्ता राजस्व, उप निदेशक चकबंदी, जिला अवर निबंधक, डीपीओ स्थापना, डीपीओ साक्षरता, सहकारिता पदाधिकारी, जिला खेल पदाधिकारी, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा कोषांग, एसडीओ पश्चिमी, जिला खनन पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता पीडब्ल्यूडी, कार्यपालक अभियंता पीएचइडी, कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग, कार्यपालक अभियंता क्षेत्र अभियंत्रण संगठन कार्य प्रमंडल एक व दो तथा कार्यपालक अभियंता विद्युत आपूर्ति प्रमंडल ग्रामीण शामिल है.

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