निगम का खजाना खाली, भरता है तहसीलदारों की झोली

– मीना बाजार में हुई अगलगी की घटना के बाद सामने आया घपलेबाजी का खेल – निगम का उद्देश्य पूरा हो या नहीं पर कर्मचारियों का उद्देश्य हो रहा पूरा – काठ का दुकान हुआ आवंटित पर बन गये हैं ईंट व पक्का दुकान देवेश कुमार , मुजफ्फरपुरनगर-निगम शहर में जगह-जगह मार्केट बना उसे किराये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2014 11:02 PM

– मीना बाजार में हुई अगलगी की घटना के बाद सामने आया घपलेबाजी का खेल – निगम का उद्देश्य पूरा हो या नहीं पर कर्मचारियों का उद्देश्य हो रहा पूरा – काठ का दुकान हुआ आवंटित पर बन गये हैं ईंट व पक्का दुकान देवेश कुमार , मुजफ्फरपुरनगर-निगम शहर में जगह-जगह मार्केट बना उसे किराये पर दिया है. इससे निगम को कमाई होती है. लेकिन मीना बाजार की घटना से यह मामला सामने आया है कि यहां की दुकानों से निगम का खजाना नहीं बल्कि तहसलीदारों की झोली भरती थी. मीना बाजार में 158 लोगों के नाम से दुकान आवंटित है. आवंटित सभी दुकान लकड़ी (काठ) का है, लेकिन मीना बाजार में हुई भीषण अगलगी की घटना ने निगम के सारे खेल व घपलेबाजी की पोल-पट्टी को खोल कर रख दिया है. लकड़ी व काठ के बदले अधिकांश दुकान को तहसीलदार व आवंटित सेक्शन से जुड़े कर्मचारियों के तगड़ी सांठ-गांठ के कारण ईंट व पक्का कर दिया गया था. इसके अलावा करीब पचास से अधिक दुकानें निगम से बगैर आवंटित ही चल रहे थे जिससे तहसीलदारों की कमाई होती थी. मीना बाजार पर बकाया है 4.70 लाख कंपनीबाग मीना बाजार में प्रत्येक साल अरबों का कारोबार होता है, लेकिन निगम को मात्र प्रत्येक साल करीब छह लाख रुपये ही इनकम होता है. बावजूद मीना बाजार में दुकान आवंटित कर इस कारोबार में जुड़े दुकानदारों के यहां निगम का 4.70 लाख रुपये बकाया है. बताया जाता है कि न तो दुकानदार बकाया राशि देने की कोशिश कर रहे थे और न ही तहसीलदार ही इसमें दिलचस्पी ले रहे थे.

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