कीट व व्याधि प्रबंधन पर मिला प्रशिक्षण
मुजफ्फरपुर. लीची के गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए किसानों को दूसरे दिन शनिवार को प्रशिक्षण दिया गया. संयुक्त भवन स्थित पौधा संरक्षण विभाग में राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डॉ कुलदीप श्रीवास्तव ने कीट प्रबंधन व डॉ विनोद कुमार ने व्याधि प्रबंधन के बारे में सात जिले से आये किसानों को जानकारी दी. वैज्ञानिकों […]
मुजफ्फरपुर. लीची के गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए किसानों को दूसरे दिन शनिवार को प्रशिक्षण दिया गया. संयुक्त भवन स्थित पौधा संरक्षण विभाग में राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डॉ कुलदीप श्रीवास्तव ने कीट प्रबंधन व डॉ विनोद कुमार ने व्याधि प्रबंधन के बारे में सात जिले से आये किसानों को जानकारी दी. वैज्ञानिकों ने कहा, पौधों की सुरक्षा पर ही उसका फलन निर्भर करता है. पौधे की शाखाओं के कटे भाग पर कटाई के बाद फफूंदनाशी व बोर्डो का मिश्रण बनाकर लेप चढ़ाना होता है. इसका छिड़काव लाभप्रद होता है. तना व धड़ छेदक कीट की रोकथाम के लिए कीट के मलयुक्त जल्ला साफ कर दें. छिद्र को खोजकर लोहे की पतली तीली डालकर कीड़ों को खुरच कर नष्ट कर दें. फिर डीजल या केरोसिन तेल रूई में डालकर छिद्र में भर दें. ऊपर से मिट्टी का लेप चढ़ा दें. यह पौधों को काफी लाभ देगा.