आखिर, क्यों छठा वेतनमान देने से पीछे हटीं मेयर?

– एक सप्ताह में हुए तीन फैसले, पहले हां, हां बाद में ना – कर्मचारियों को मोहरा बना निगम प्रशासन पर चोट- बोर्ड की बैठक से पहले 37 पार्षदों ने दिया था लिखित समर्थन संवाददाता, मुजफ्फरपुरनिगम कर्मियों को छठा वेतनमान देने पर बोर्ड की बैठक में फैसला हो जाने के बाद इससे पीछे हटने पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2014 11:01 PM

– एक सप्ताह में हुए तीन फैसले, पहले हां, हां बाद में ना – कर्मचारियों को मोहरा बना निगम प्रशासन पर चोट- बोर्ड की बैठक से पहले 37 पार्षदों ने दिया था लिखित समर्थन संवाददाता, मुजफ्फरपुरनिगम कर्मियों को छठा वेतनमान देने पर बोर्ड की बैठक में फैसला हो जाने के बाद इससे पीछे हटने पर जहां विरोधियों का स्वर बुलंद हो गया है, वहीं निगम कर्मचारियों ने महापौर के इस कदम को कर्मचारी व निगम के हित में सही नहीं ठहराया है. छठा वेतनमान देने पर पहले 37 पार्षदों द्वारा नगर आयुक्त को लिखित समर्थन देना. फिर बोर्ड में इस मुद्दे को पास करना. इसके बाद फैसले से महापौर का इनकार कर जाना. इन तीनों बिंदुओं पर हुए खेल के पीछे किंग मेकर की भूमिका निभाने वाले व्यक्ति भी कर्मचारियों के निशाने पर हैं. क्योंकि, यह सारा खेल परदे के पीछे से निगम की राजनीति करने वाले किंग मेकर के इशारे पर ही हो रहा है. हालांकि, कर्मचारी खुल कर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं. इधर, इस प्रकरण पर नगर विधायक व बोर्ड के मेंबर सुरेश शर्मा ने कहा कि यह सब साजिश है. कर्मचारियों को निशाना बनाया जा रहा है. जिसके बल-बूते पूरा निगम चल रहा है, उन्हीं कर्मचारियों को अपमानित किया जा रहा है. अगली बार होने वाली बोर्ड की बैठक में वे इसके खिलाफ आवाज उठायेंगे. आवश्यकता पड़ने पर इसकी शिकायत सरकार व विभाग से करेंगे.

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