मिशन नीली क्रांति से ही आयेगी आर्थिक संपन्नता

एनआरसी में बोले केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह मुजफ्फरपुर/मुशहरी. मिशन ब्लू रिवॉल्यूशन (नीली क्रांति) ही बेरोजगारी को समाप्त करने का कारगर हथियार है. यानी देश में मत्स्यपालन का क्रांतिकारी विकास. केवल गेहूं व धान की बदौलत आर्थिक समृद्धि व रोजगार सृजन मुश्किल है. केंद्र सरकार ने मछली की खेती की व्यापक व दूरदर्शी योजना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2014 8:28 AM
एनआरसी में बोले केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह
मुजफ्फरपुर/मुशहरी. मिशन ब्लू रिवॉल्यूशन (नीली क्रांति) ही बेरोजगारी को समाप्त करने का कारगर हथियार है. यानी देश में मत्स्यपालन का क्रांतिकारी विकास. केवल गेहूं व धान की बदौलत आर्थिक समृद्धि व रोजगार सृजन मुश्किल है. केंद्र सरकार ने मछली की खेती की व्यापक व दूरदर्शी योजना बनायी है. 15 कट्ठे जमीन में मत्स्य व बागवानी से हर वर्ष छह लाख रुपये तक कमा सकते हैं. सीवान के युवक ने यह साबित कर दिया है.
ये बातें शुक्रवार को राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुशहरी में मत्स्य कृषक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहीं. अध्यक्षता आरएयू के पूर्व वीसी डॉ गोपालजी त्रिवेदी ने की. केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, थोड़ी सी जमीन में भी पिंजरा में मछली पालन कर लोग बेरोजगारी दूर कर सकते हैं. दक्षिणी राज्यों में लोग मत्स्य पालन कर करोड़पति बन चुके हैं. फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड ने 5600 किसानों को प्रशिक्षण दिया है. हमें इस क्षेत्र में चीन के साथ खड़ा होना है. हमारे पास 8118 किलोमीटर समुद्री तट है. यह मछली पकड़ने के लिए सरकार ने नियम में बदलाव कर सुगम बनाया है. समुद्र के 12 किलोमीटर अंदर तक मछली मारते थे, अब इसका दायरा बढ़ा है. लेकिन, इससे नीली क्रांति संभव नहीं है. यहां 10 लाख हेक्टेयर जमीन में जलजमाव है. पर्याप्त संख्या में तालाब हैं. उनमें मत्स्यपालन कर आर्थिक समृद्धि ला सकते हैं.
हर जिले में बने मछुआ आदर्श गांव
उन्होंने कहा, हर जिले में एक मछुआ आदर्श गांव बनाना है. केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारा जाये. केंद्र ने मछुआरों के लिए बीमा राशि बढ़ा दी है. एक लाख के बदले दो लाख का बीमा होगा. साथ ही, आवास के लिए अब 75 हजार दिया जायेगा. पहले 50 हजार रुपये थे. साथ ही, मत्स्यजीवी लोगों को एक साइकिल अनुदान पर दिया जायेगा, ताकि वे मछली को क्रय केंद्र तक पहुंचा सकें. यहां के आरएयू पूसा को केंद्रीय विवि का दर्जा दिया जायेगा.
उत्तर बिहार में कृषि व मत्स्य कॉलेज भी बनाये जायेंगे. इस क्षेत्र में कृषि, मत्स्य वबागबानी की पढ़ाई हो सके. नये वर्ष में लोगों को यह उपहार स्वरू प मिलेगा.

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