फाइनेंस कंपनी के मैनेजर से पौने दस लाख की लूट

मुजफ्फरपुर : अहियापुर थाना क्षेत्र के चकगाजी हनुमान मंदिर के निकट शुक्रवार को दिनदहाड़े फाइनेंस कंपनी के मैनेजर से पौने दस लाख की लूट का मामला सामने आया है. वारदात दिन में साढ़े ग्यारह बजे के आसपास हुई, जब माइक्रो फाइनेंस की कंपनी इंट्राप्रिड फाइनेंस एंड लीजिंग कंपनी के मैनेजर अरविंद कुमार आइसीआइसीआइ बैंक से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2014 9:56 AM
मुजफ्फरपुर : अहियापुर थाना क्षेत्र के चकगाजी हनुमान मंदिर के निकट शुक्रवार को दिनदहाड़े फाइनेंस कंपनी के मैनेजर से पौने दस लाख की लूट का मामला सामने आया है. वारदात दिन में साढ़े ग्यारह बजे के आसपास हुई, जब माइक्रो फाइनेंस की कंपनी इंट्राप्रिड फाइनेंस एंड लीजिंग कंपनी के मैनेजर अरविंद कुमार आइसीआइसीआइ बैंक से रुपये निकाल कर वापस जा रहे थे. इसी दौरान बाइक सवार तीन अपराधियों ने हथियार दिखा कर पौने दस लाख रुपये लूट लिये. लूट की सूचना पुलिस को ढ़ाई घंटे बाद मिली. देर शाम पुलिस पूरे घटना की छानबीन में जुटी थी.
जानकारी के अनुसार, सहबाजपुर दुर्गा स्थान के पास मुंबई की माइक्रो फाइनेंस की कंपनी इंट्राप्रिंट फाइनेंस एंड लीजिंग कॉरपोरेशन का कार्यालय है. कंपनी में हाल में ही उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले के जयंतीपुर चंपा निवासी अरविंद कुमार ने शाखा प्रबंधक के पद पर ज्वाइन किया है.
शुक्रवार को वह अकेले ही बाइक से जीरोमाइल आइसीआइसीआइ बैंक में पैसा निकालने गया था. पौने दस लाख का चेक भुनाने के बाद पैसा बैग में रख कर वह कार्यालय लौट रहा था. इसी बीच चकगाजी हनुमान मंदिर के निकट पीला रंग के अपाचे बाइक पर सवार तीन अपराधियों ने ओवरटेक कर उसे रोक लिया. बाइक रुकते ही उसके साथ अपराधी मारपीट करने लगे. हथियार दिखा कर पौने दस लाख रुपये से भरा बैग लेकर फरार हो गये. घटना के दौरान बैग नहीं देने पर अपराधियों ने उसे गोली मारने की धमकी भी दी. देर शाम अरविंद कंपनी के सहायक रीजनल हेड रोशन कुमार के साथ अहियापुर थाना पहुंचा. रोशन नालंदा जिला के एकांगासराय का रहने वाला है.
मैनेजर का कहना था कि बोचहां के मकसूदपुर, फतेहपुर व माधोपुर गांव में लोन देने के लिए पैसे की निकासी की गयी थी. देर शाम थाने में प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया गया है. पुलिस मामला दर्ज कर छानबीन कर रही है.
सवालों के घेरे में कंपनी का मैनेजर
दिनदहाड़े पौने दस लाख लूट मामले में कंपनी का मैनेजर अरविंद सवालो के घेरे में है. पुलिस को उसने बताया कि साढ़े ग्यारह से बारह बजे के बीच की घटना है. घटना के बाद उसने कंपनी के कर्मचारियों को बताने के बाद लगभग डेढ़ बजे 100 नंबर पर फोन किया था. लगभग ढ़ाई बजे के आसपास वह अहियापुर थाना पहुंचा. पुलिस का कहना है कि घटना के तीन घंटे के बाद उनलोगों को लूट की जानकारी मिली.
पैसा निकलाने अकेले क्यों गया?
अहियापुर पुलिस का कहना है कि पौने दस लाख की रकम कम नहीं होती है. इतनी बड़ी रकम बैंक से लाने के लिए एक स्टाफ को बाइक से भेजना भी समझ में नहीं आ रहा. अरविंद अकेले ही बाइक से पैसा लाने चला गया, जबकि कंपनी के कई स्टाफ कार्यालय में मौजूद थे. यहीं नहीं, बार-बार बड़ी रकम बैंक से निकालने पर पुलिस को सूचना देने के लिए कहा जाता है. इसके बाद भी अनदेखी की गयी. बैंक से पैसा निकालने की अपराधियों को पूर्व से जानकारी थी. घटना के तुरंत बाद पुलिस को सूचना देनी चाहिए थी या थाने पर आकर बताना चाहिए. ऐसा भी नहीं किया गया.

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