अब बैंक पहुंचायेगा केंद्रों पर प्रश्नपत्र

मुजफ्फरपुर: प्रतियोगी परीक्षाओं की तरह अब बीआरए बिहार विवि की परीक्षाओं के प्रश्न पत्र भी बैंक के माध्यम से केंद्रों पर पहुंचाये जायेंगे. इसके लिए पहल शुरू हो गयी है. शनिवार को कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला व परीक्षा नियंत्रक इस मामले में एलएस कॉलेज कैंपस स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक से मिले. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2014 7:16 AM

मुजफ्फरपुर: प्रतियोगी परीक्षाओं की तरह अब बीआरए बिहार विवि की परीक्षाओं के प्रश्न पत्र भी बैंक के माध्यम से केंद्रों पर पहुंचाये जायेंगे. इसके लिए पहल शुरू हो गयी है.

शनिवार को कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला व परीक्षा नियंत्रक इस मामले में एलएस कॉलेज कैंपस स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक से मिले. शाखा प्रबंधन ने इस व्यवस्था को शुरू करने पर सहमति जता दी है. हालांकि इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है.

विवि के परीक्षा केंद्र मुजफ्फरपुर के अलावा सीतामढ़ी, वैशाली, पूर्वी चंपारण व पश्चिम चंपारण जिलों में भी हैं. वहां की शाखा में इसके लिए अलग से व्यवस्था करनी होगी. इसके लिए बैंक के वरीय अधिकारियों की सहमति भी जरू री होगी. हालांकि विवि अधिकारी हर हाल में यह व्यवस्था चालू परीक्षाओं से ही शुरू करने के मूड में है. फिलहाल शाखा प्रबंधक की मांग पर उन्हें स्नातक पार्ट वन के परीक्षा केंद्र की सूची सौंप दी गयी है. गौरतलब है कि वर्तमान में परीक्षा विभाग परीक्षा से एक दिन पूर्व ही कर्मचारियों के माध्यम से प्रश्न पत्र संबंधित केंद्रों पर भेज देती है. इससे प्रश्न पत्र लीक होने की आशंका बढ़ जाती है. बैंक के माध्यम से प्रश्न पत्र केंद्रों पर पहुंचाये जाने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद बैंक कर्मी ठीक परीक्षा से पूर्व केंद्रों पर प्रश्न पत्र पहुंचायेंगे.

रिजल्ट पर फिर सवाल, परीक्षा नियंत्रक से मिलीं छात्रएं : स्नातक पार्ट वन व टू की स्पेशल परीक्षा के रिजल्ट पर सवाल उठना जारी है. शनिवार को करीब एक दर्जन छात्रएं विवि पहुंची व परीक्षा नियंत्रक डॉ पंकज कुमार से मुलाकात की. वे सभी एमडीडीएम व आरबीबीएम कॉलेज की छात्रएं थी. उनका आरोप था कि कॉपियों के मूल्यांकन में गड़बड़ी के कारण उन्हें एक पेपर में प्रथम श्रेणी के अंक, तो दूसरे में शून्य अंक मिले हैं. वे सभी कॉपियों के पुनर्जाच की मांग कर रहे थे. हालांकि परीक्षा नियंत्रक ने इससे इनकार कर दिया. उनका तर्क था कि मामले में फैसला लेने का अधिकार सिर्फ राज्यपाल को है. आखिर में छात्रएं पुनमरूल्यांकन की मांग की. परीक्षा नियंत्रक ने इस पर कोई भी फैसला छुट्टियां खत्म होने के बाद लेने की बात कही.

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