अपहरण के चक्रव्यूह को नहीं भेद पायी पुलिस!
मुजफ्फरपुर : एक दशक से अधिक समय से उत्तर बिहार के कई जघन्य घटनाओं को अंजाम देने वाला शातिर पवन भगत लंबे समय से पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. उसके संचालक अपहरण कांड में बनाये गये प्लान के आगे पुलिस की रणनीति फेल हो गयी. उसके किसी भी चक्रव्यूह को पुलिस नहीं भेद पायी. […]
मुजफ्फरपुर : एक दशक से अधिक समय से उत्तर बिहार के कई जघन्य घटनाओं को अंजाम देने वाला शातिर पवन भगत लंबे समय से पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. उसके संचालक अपहरण कांड में बनाये गये प्लान के आगे पुलिस की रणनीति फेल हो गयी. उसके किसी भी चक्रव्यूह को पुलिस नहीं भेद पायी. उसे जानने वाले बताते है कि पवन ज्यादा पढ़ा-लिखा भी नहीं है.
तकनीकी रूप से जानकार भी नहीं है, लेकिन सत्य नारायण अपहरण कांड में जिस तरह से उसने पुलिस की तकनीकी टीम को मात दी है, यह जांच का विषय है. इस कांड की गुत्थी सुलझाने के लिए विशेष टीम के साथ एसटीएफ को भी लगाया गया. एसटीएफ भी पवन का कोई सुराग नहीं लगा पायी. पुलिस ने जेल में पवन के खास शार्गिद सुमन श्रीवास्तव के वार्ड में छापेमारी कर आठ मोबाइल जब्त किये थे. उससे भी कुछ पता नहीं कर पायी. पुलिस सुमन के पास से ब्लेकबेरी मोबाइल बरामद होने पर सकते में आ गयी थी. तकनीकी टीम उस मोबाइल का पासवर्ड भी नहीं खोल पायी थी. ब्लेकबेरी की गिनती अत्याधुनिक मोबाइल में होती है. तकनीकी जानकारों के मुताबिक, ब्लेकबेरी के सर्वर से किया गया मेल को पकड़ना मुश्किल है.