डीएम के आवासीय प्रमाणपत्र को सीओ ने किया खारिज
मुजफ्फरपुर: अधिकारी आम लोगों से किस तरह मनमानी करते हैं. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब जिलाधिकारी के आदेश व प्रमाण पत्र को भी कनीय अधिकारी आसानी से खारिज कर देते हैं. औराई के नया गांव निवासी पिंकी कुमारी के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है. डीएम कार्यालय से निर्गत निवास […]
मुजफ्फरपुर: अधिकारी आम लोगों से किस तरह मनमानी करते हैं. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब जिलाधिकारी के आदेश व प्रमाण पत्र को भी कनीय अधिकारी आसानी से खारिज कर देते हैं. औराई के नया गांव निवासी पिंकी कुमारी के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है. डीएम कार्यालय से निर्गत निवास प्रमाण पत्र को सीओ द्वारा खारिज किये जाने से पिंकी आंगनबाड़ी सेविका की नौकरी नहीं मिल पायी जबकि उनका नाम मेधा सूची में एक नंबर पर था. पिंकी कुमारी हार मानने वाली नहीं है. डीएम अनुपम कुमार को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है.
आवेदन में बताया है कि पिंकी कुमारी, पति शशि रंजन कुमार नया गांव केंद्र संख्या 77 के वार्ड नंबर 10 के लिए आवेदन दिया था, लेकिन नया गांव के एक अन्य उम्मीदवार ने पिंकी कुमारी के आवासीय प्रमाण पत्र को गलत बताते हुए सीओ के पास परिवाद दायर किया. इस पर सीओ ने गलत साक्ष्य के आधार पर शिकायतकर्ता के पक्ष में निर्णय देते हुए पिकीं कुमारी को औराई निवासी घोषित कर दिया, जबकि पिंकी कुमारी को अंचल से दो-दो बार नाया गांव का निवास प्रमाण पत्र दिया गया है. पिकीं को एसडीओ के अनुशंसा पर वर्ष 2013 में डीएम के द्वारा प्रति हस्ताक्षरित निवास प्रमाणपत्र दिया गया है.
सांसद ने भी डीएम को लिखा पत्र
सांसद अजय निषाद ने जिलाधिकारी अनुपम कुमार को पत्र लिख कर इस मामले में गंभीर आपत्ति जतायी है. सांसद ने पत्र में पूरे मामले का जिक्र करते हुए कहा है कि औराई अंचल से आवेदिका को दो दो बार जब प्रमाण पत्र दिया गया. खुद आपने (डीएम) ने प्रमाण पत्र निर्गत किया है. इसके बावजूद प्रमाण पत्र को गलत बताना समझ से बाहर है. उन्होंने पत्र में यह भी कहा है कि पिकीं कुमारी के पति शशि रंजन कुमार का नाम मतदाता सूची में निवासी होने का पुख्ता सबूत है.
बहु प्रमाणपत्र को नहीं माने अधिकारी
शशि रंजन कुमार की पत्नी पिंकी कुमारी ने नया गांव का निवासी होने के प्रमाण के तौर पर पंचायत से निर्गत बहु प्रमाण पत्र भी साक्षय के रुप में दिया है. यही नहीं शशि रंजन कुंमार ने अपना वंशावली व जमीन खतियान के साथ पूरा ब्योरा आवेदन के साथ दिया है.