हरियाणा व पंजाब जैसे हो उर्वरक की मॉनीटरिंग

मुजफ्फरपुर: हरियाणा व पंजाब में उर्वरक की मॉनीटरिंग काफी कड़ाई से की जाती है. यहां भी ऐसी ही मॉनीटरिंग की जरू रत है. इन दोनों स्थानों पर उर्वरक के मामले में बराबर केस होते हैं. नकली उर्वरक मिलने पर दुकानदारों पर बराबर प्राथमिकी होती है. उन्हें जेल की सजा होती है. ठीक वही पैटर्न यहां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2015 7:23 AM
मुजफ्फरपुर: हरियाणा व पंजाब में उर्वरक की मॉनीटरिंग काफी कड़ाई से की जाती है. यहां भी ऐसी ही मॉनीटरिंग की जरू रत है. इन दोनों स्थानों पर उर्वरक के मामले में बराबर केस होते हैं. नकली उर्वरक मिलने पर दुकानदारों पर बराबर प्राथमिकी होती है. उन्हें जेल की सजा होती है. ठीक वही पैटर्न यहां भी लागू करने की जरू रत है.

यह बातें उप निदेशक क्षेत्रीय उर्वरक नियंत्रण प्रयोगशाला कल्याणी नादिया कोलकाता, पश्चिम बंगाल श्याम बाबू मीना ने फर्टिलाइजर इंस्पेक्टर के प्रशिक्षण के दौरान कही. वे संयुक्त भवन स्थित आत्मा सभागार में उर्वरक नियंत्रण आदेश लागू कराने के संबंध में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, जितने भी उर्वरक बाहर से आयात किये जाते हैं.

उनकी गुणवत्ता जांच के लिए सैंपल लेना जरू री होता है. इससे कोई समझौता नहीं करना है. उर्वरक का सैंपल लेने के दौरान खाद का नाम, सैंपल लेने की तिथि व दुकान का नाम का जिक्र होना जरू री है. ऐसे में नमूना बदलने का डर कम रहता है. उनके यहां तो सैंपल लेने के बाद विभाग के बड़े अधिकारी एक होलोग्राम भी इसी डेट का इश्यू करते हैं. इससे काम सही तरीके से होता है. उन्हें कहा, उर्वरक का सैंपल लेने व लैब में जांच कराने के लिए पायलट प्रोजेक्ट बनाने की जरू रत है. इस कार्यक्रम में सीतामढ़ी, मोतिहारी, बेतिया, नालंदा, रोहतास, सासाराम, गया, नवादा, जहानाबाद व औरंगाबाद के अधिकारी हुए. यहां आत्मा के परियोजना उप निदेशक विनोद कुमार सिंह, सहायक कृषि पदाधिकारी मुकेश कुमार समेत कई अधिकारी मौजूद थे. .

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