फोटो खींचा तो कैमरा तोड़ देंगे

घायल छात्रों को इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचे छात्रों ने की बकझकफोटो खींचने पर मीडियाकर्मियों से उलझे, देख लेने की दी धमकी संवाददाता, मुजफ्फरपुरआप मीडिया कर्मी हैं. फोटो नहीं खींचना है. फोटो खींचा गया तो कैमरा तोड़ देंगे. फोटो खींचने से क्या परेशानी है, हम कुछ नहीं जानते. अच्छा यही होगा कि कैमरा रख […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2015 7:03 PM

घायल छात्रों को इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचे छात्रों ने की बकझकफोटो खींचने पर मीडियाकर्मियों से उलझे, देख लेने की दी धमकी संवाददाता, मुजफ्फरपुरआप मीडिया कर्मी हैं. फोटो नहीं खींचना है. फोटो खींचा गया तो कैमरा तोड़ देंगे. फोटो खींचने से क्या परेशानी है, हम कुछ नहीं जानते. अच्छा यही होगा कि कैमरा रख लीजिये. माजरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का था. अपने घायल साथियों को इलाज के लिए ठक्कड़ बापा हॉस्टल के छात्र यहां लाये थे. करीब आठ-दस की संख्या में आये छात्र आक्रोशित थे. फोटो खींचने के सवाल पर वे एक अखबार के फोटोग्राफर से पांच मिनट तक उलझे रहे. उन्हें देख लेने की धमकी भी दी. इस दौरान अन्य मीडिया हाउस से आये फोटोग्राफरों को भी उन्होंने फोटो खींचने नहीं दिया. शुक्रवार की दोपहर ढाई बजे स्कॉर्पियो से पांच छात्रों को इलाज के लिए लाया गया था. तीन छात्रों को सिर फटा हुआ था, जबकि दो के पैर व शरीर पर चोट थी. सबसे अधिक चोट गोपाल कुमार को लगी थी. उसके सिर पर एक स्टिच दिया गया. इमरजेंसी में मौजूद डॉ आरबी सिंह ने सभी छात्रों का इलाज किया. करीब आधा घंटा तक इलाज के बाद छात्र वापस लौट गये.इन छात्रों का हुआ इलाज :गोपाल कुमार (20), पिता – छोटन रामशशिभूषण (21), पिता – नागेश्वर पासवानबिट्टू कुमार (18), पिता – सच्चिदानंद पासवानगुड्डु कुमार (20), पिता – अनिल पासवानअरुण कुमार (25), पिता – कपिलदेव पासवान

Next Article

Exit mobile version