मुशहरी: बुधनगरा जगन्नाथ गांव में एक नाबालिग लड़की से छेड़खानी, पंचायती व उसकी मौत के मामले में शुक्रवार को स्थायी लोक अदालत की सदस्य सह अपर लोक अभियोजक डॉ संगीता शाही, अधिवक्ता पुनीत कुमार झा, पंकज कुमार व सजल कुमार शील पीड़िता के पिता मो शब्बीर के घर पहुंचे. टीम के समक्ष मृतका की मां व पिता ने कई चौंकाने वाले बयान दिये हैं.
उन्होंने बताया कि 27 अप्रैल की रात घर में घुस कर बेटी के साथ छेड़खानी की गयी. दुष्कर्म किया या नहीं किसी ने नहीं देखा. लड़की की मां के पैर पर मौलवी का पैर पड़ने से वह जागी व चीखी. मौलवी हड़बड़ाकर भागा, जिससे उसका चप्पल छूट गया. मौलवी सिर्फ लुंगी में था.
मौलवी इरफान को पंचायती के तहत 51 हजार रुपये जुर्माना एक माह में देने को कहा गया. फिर पुलिस ने दो दिन में जुर्माना देने को कहा. इसके बाद पीड़िता को उसके माता-पिता थाने पर ले गये. सादे कागज पर मो शब्बीर व उसकी लड़की से हस्ताक्षर करा लिया.मृतका के माता-पिता ने बेटी के जहर खाने की घटना से इनकार किया. जबकि प्राथमिकी में मो शब्बीर ने जहर खाने की बात स्वीकारी है. दोनों ने बताया कि लड़की की तबीयत थाने पर ही खराब होने लगी थी. लेकिन पुलिस ने उसका इलाज कराना मुनासिब नहीं समझा.
बंद कमरे में बयान दर्ज
न्यायिक टीम के सदस्यों ने मृतका के माता-पिता का बयान बंद कमरे में दर्ज किया. बिहार पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना के तहत पीड़ित परिवार को मुआवजा व नि:शुल्क कानूनी सहायता दी जायेगी. इस संबंध में पीड़ित परिवार से आवेदन लिया गया. वही संगीता शाही ने बताया कि रिपोर्ट गोपनीय है. शाम 4.30 बजे हाइकोर्ट के जस्टिस नवीन सिन्हा ने वीडियो कांफ्रेसिंग से पूरे मामले की जानकारी ली है.