गाइड लाइन जारी: मकान के साथ अब पार्किग व गॉर्डेन अनिवार्य

मुजफ्फरपुर: शहर में आप घर बनाना सोच रहे हैं, तो अब आपको घर बनाने के साथ कैंपस में पेड़-पौधा लगाना अनिवार्य होगा. सरकार ने नये बिल्डिंग बायलॉज में इसको लेकर गाइड लाइन जारी कर दिया है. आवासीय हो या गैर आवासीय, सभी बिल्डिंग इको फ्रेंडली बनेगी. शहरी इलाके में अब बिना पेड़-पौधा लगए भवन निर्माण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2015 8:13 AM
मुजफ्फरपुर: शहर में आप घर बनाना सोच रहे हैं, तो अब आपको घर बनाने के साथ कैंपस में पेड़-पौधा लगाना अनिवार्य होगा. सरकार ने नये बिल्डिंग बायलॉज में इसको लेकर गाइड लाइन जारी कर दिया है. आवासीय हो या गैर आवासीय, सभी बिल्डिंग इको फ्रेंडली बनेगी. शहरी इलाके में अब बिना पेड़-पौधा लगए भवन निर्माण नहीं हो सकता है.

निर्माण शुरू करने से पहले ही इसके लिए जमीन छोड़नी होगी. गॉर्डेन लगाने के लिए मकान का जो नक्शा तैयार होगा, उस नक्शा में इंजीनियरों को गॉर्डेन के अलावा वाहन लगाने के लिए पार्किग का जगह चिह्न्ति कर दर्शाना होगा. इसके बाद ही नगर निगम तैयार नक्शा को स्वीकृत करेगा.

पांच-दस फीसदी एरिया में बनेगा गॉर्डेन. नये बिल्डिंग बायलॉज में हर भवन में जमीन का न्यूनतम पांच प्रतिशत और बहुमंजिले भवन (मल्टी स्टोरेज, ग्रुप हाउंसिंग, अपार्टमेंट, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, एजुकेशन बिल्डिंग आदि) में जमीन के न्यूनतम दस प्रतिशत हिस्से में पेड़-पौधा लगाने का प्रावधान किया है. यानी शहर में 500 वर्ग मीटर से अधिक जमीन पर बनने वाले घर में न्यूनतम दस प्रतिशत एरिया गॉर्डेन के लिए छोड़ना पड़ेगा.
25-35 फीसदी एरिया में पार्किग
पार्किग के लिए टोटल बिल्डिंग एरिया का न्यूनतम 25 और अधिकतम 35 प्रतिशत हिस्सा छोड़ने को कहा गया है. अपार्टमेंट और ग्रुप हाउसिंग में पार्किग एरिया का कम से कम 15 प्रतिशत एरिया गेस्ट हाउस व एंबुलेंस के लिए होगा.
नये बिल्डिंग बायलॉज में सरकार ने प्राकृतिक चीजों को बढ़ावा दिया है. हर घर में पार्किग व गॉर्डेन अनिवार्य कर दिया गया है. नये बिल्डिंग बायलॉज के तहत बसने वाला नया मुहल्ला सुव्यवस्थित व सुदंर दिखेगा.
विपुल कुमार, ऑर्टिटेक्ट, नगर निगम

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