पटना निगरानी एसपी धीरज कुमार फरार घोषित
मुजफ्फरपुर: पटना में निगरानी एसपी पद पर तैनात धीरज कुमार को फरार घोषित कर दिया गया है. कोर्ट ने मारपीट के एक मामले में कई बार वारंट जारी होने के बाद भी उपस्थित नहीं होने पर ये फैसला सुनाया है. धीरज कुमार के खिलाफ मामला तब दर्ज हुआ था, जब वो मुजफ्फरपुर में नगर डीएसपी […]
मुजफ्फरपुर: पटना में निगरानी एसपी पद पर तैनात धीरज कुमार को फरार घोषित कर दिया गया है. कोर्ट ने मारपीट के एक मामले में कई बार वारंट जारी होने के बाद भी उपस्थित नहीं होने पर ये फैसला सुनाया है. धीरज कुमार के खिलाफ मामला तब दर्ज हुआ था, जब वो मुजफ्फरपुर में नगर डीएसपी के पद पर तैनात थे. निगरानी एसपी के साथ काजी मोहम्मदपुर के थानाध्यक्ष कुमार देवेंद्र सिंह को कोर्ट ने फरार घोषित कर दिया है.
जानकारी के अनुसार काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के चंद्रलोक चौक धवन मार्केट स्थित दीपिका कॉम्यूनिकेशन के मालिक सुशील कुमार सिंह ने 1995 में सीजेएम के अदालत में एक मामला दर्ज कराया था. जिसमें काजी मोहम्मदपुर थानाध्यक्ष कुमार देवेंद्र सिंह पर आरोप लगाया था कि वे 11 जुलाई की संध्या उनके टेलीफोन बूथ पर आये और बोले की आपसे जरुरी काम है. आप मेरे साथ चलिये. वे उनके गाड़ी में बैठ कर थाना पहुंचे. थाना पर थानाध्यक्ष ने कहा कि साहब के यहां प्रीति भोज है. आप मदद के रुप में 2 हजार रुपया दीजिए. मैं पैसा देने से इनकार कर दिया. इसके बाद थानाध्यक्ष मेरे साथ गाली गलौज करने लगे. थानाध्यक्ष बोले की तुम्हारे बूथ से अपराधी फोन करता है. अभी तुम्हें मजा चखाते है. थानाध्यक्ष घड़ी खोल लिए, और थाना हाजत में बंद कर दिये.
जब इसकी सूचना नगर डीएसपी धीरज कुमार को मिली तो वे तीन बजे रात में थाना पर पहुंचे. हाजत से निकाल कर लाठी डंडे से उनके साथ मारपीट किये. न्यायालय ने 27 जनवरी 1997 को धारा 323 के तहत संज्ञान लेते हुए, डीएसपी धीरज कुमार व काजी मोहम्मदपुर थानाध्यक्ष कुमार देवेंद्र सिंह को न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया था. जब दोनों उपस्थित नहीं हुए तो डीजीपी के माध्यम से उपस्थित कराने को लेकर न्यायालय ने पत्र लिखा था. इसके बाद भी उपस्थित नहीं होने पर न्यायालय ने डीआइजी के माध्यम से गिरफ्तारी वारंट जारी किया. इसके बाद न्यायालय से 24 फरवरी 2009 को इश्तेहार भी निर्गत किया गया.
इसके बाद भी उपस्थित नहीं होने पर 5 अक्तूबर 2012 को न्यायालय ने कुर्की जब्ती का आदेश निर्गत किया. पुलिस ने कुर्की की कार्रवाई नहीं पूरी कि तो न्यायालय ने दोनों आरोपितों को फरार घोषित कर दिया है.