सुबह में कोहरे की चादर, दोपहर में खिली धूप

मुजफ्फरपुर: ठंड तो हर साल पड़ती है, लेकिन इस बार अपनी तीव्रता और निरंतरता का रिकार्ड तोड़ने की राह पर है. दिसंबर से शुरू सर्द हवा और गलन से जनजीवन अस्तव्यस्त है. यह दौर अभी जारी है. स्कूलों में तो पखवारे भर से पठन-पाठन ठप है. सड़क किनारे जीवन यापन करने वालों की जान पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2015 7:55 AM
मुजफ्फरपुर: ठंड तो हर साल पड़ती है, लेकिन इस बार अपनी तीव्रता और निरंतरता का रिकार्ड तोड़ने की राह पर है. दिसंबर से शुरू सर्द हवा और गलन से जनजीवन अस्तव्यस्त है. यह दौर अभी जारी है. स्कूलों में तो पखवारे भर से पठन-पाठन ठप है. सड़क किनारे जीवन यापन करने वालों की जान पर बनी है. बुधवार को दोपहर तक तो कोहरे की घेरेबंदी रही लेकिन लगभग दो बजे सूरज निकला. इससे लोगों के चेहरे पर सुकून के भाव उभरे, हालांकि गलन तो जस की तस है.
14 जनवरी को 2001 में पड़ी सबसे अधिक ठंड. 14 जनवरी को सबसे अधिक ठंड वर्ष 2001 में पड़ी थी. तब अधिकतम तापमान 18.6 डिग्री व न्यूनतम 3.8 डिग्री सेल्सियस हो गया था. इसके बाद 2003 में अधिकतम तापमान 12 डिग्री व न्यूनतम 6.2 डिग्री सेल्सियस था. वर्ष 2004 में ठंड अधिक पड़ी थी. इसमें अधिकतम तापमान 15 डिग्री व न्यूनतम 8.2 डिग्री सेल्सियस रहा. 2011 में भी अधिकतम तापमान 19.8 डिग्री व न्यूनतम 5.2 डिग्री सेल्सियस हो गया था. इस अनुपात में 14 जनवरी 2015 को अधिकतम तापमान 14.2 डिग्री व न्यूनतम 9 डिग्री सेल्सियस रहा.
छंट रहा बादलों का घनापन. पश्चिमी विक्षोभ के असर से बने बादलों का घनापन अब कम होने लगा है. इसका परिणाम था कि दोपहर बाद धूप दिखी. वैसे इस वर्ष के आरंभ से शुरू गलन का दंश अबतक बरकरार है. उत्तरी पश्चिमी हवा के कारण हिमालय की ओर से चली ठंड ने अपना असर बनाये रखा है. स्कूलों में बंदी के चलते अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने की चिंता से दूर हैं. स्कूलों में अवकाश व खिचड़ी का माहौल होने के कारण घरों में बच्चों की धमाचौकड़ी ने अभिभावकों को परेशान किये रखा. बच्चे सुबह से पतंग और लटाई लेकर छत पर थे. दोपहर बाद सूरज निकलने पर अभिभावक भी छतों पर धूप सेंकने नजर आये.
3.4 किमी की रफ्तार से पछिया हवा चलेगी
राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा के ग्रामीण कृषि मौसम परामर्शी सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ आइबी पांडेय ने बताया कि सतह से लेकर डेढ़ किमी ऊपर तक हवा का रुख बदलकर पछिया हवा 3.4 किमी की रफ्तार से चलेगी. कुहासा कम होगा और तीन दिनों तक कड़ाके की ठंड पड़ेगी. इस दौरान ठंड में कोई कमी नहीं आने के संकेत मिले हैं. बुधवार को भी पछिया हवा चली. इस वजह से सुबह में ठंड लोगों को कंपाती रही. लोग अपने-अपने घरों में ही दुबके रहे. बुधवार को अधिकतम तापमान 14.1 डिग्री व न्यूनतम 9 डिग्री सेल्सियस रहा. दिन में आद्र्रता 73 प्रतिशत व सुबह व रात की आद्र्रता 94 फीसदी रही. आसमान में बादल अभी छाया रहेगा. इसलिए दिन का तापमान और गिर सकता है.

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