जाति आधारित हॉस्टल आवंटन पर गृह सचिव ने मांगी रिपोर्ट

मुजफ्फरपुर: चंदा को लेकर विवि में संघर्ष व समाहरणालय में छात्रों के उत्पात की घटना को राज्य सरकार गंभीरता से ले रही है. मामले में गृह सचिव ने जिला के आला अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. इस सिलसिले में बुधवार को डीआइजी अजय कुमार मिश्र ने कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला व अध्यक्ष छात्र कल्याण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2015 7:55 AM
मुजफ्फरपुर: चंदा को लेकर विवि में संघर्ष व समाहरणालय में छात्रों के उत्पात की घटना को राज्य सरकार गंभीरता से ले रही है. मामले में गृह सचिव ने जिला के आला अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

इस सिलसिले में बुधवार को डीआइजी अजय कुमार मिश्र ने कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला व अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ बीरेंद्र कुमार सिंह के साथ अपने कार्यालय में बैठक की. मौके पर एसएसपी रंजीत कुमार मिश्र भी मौजूद थे. डीआइजी ने विवि अधिकारियों से विवि व एलएस कॉलेज में हॉस्टल आवंटन की प्रक्रिया की विस्तृत रिपोर्ट मांगी.

इसमें हॉस्टल का नाम, उसकी क्षमता, हॉस्टल में कमरे का आवंटन किस आधार पर होता है, क्या जाति के आधार पर कभी हॉस्टल में कमरा आवंटित हुआ, जैसे प्रश्न शामिल हैं. जानकारी के अनुसार डीआइजी अजय कुमार मिश्र ने विवि अधिकारियों से हॉस्टल में कमरा आवंटित करने के लिए विवि में बने नियमावली की कॉपी भी उपलब्ध कराने को कहा. हालांकि विवि अधिकारियों ने ऐसे किसी भी नियम की जानकारी होने से इनकार कर दिया. इसके बाद डीआइजी ने उन्हें पिछले पांच साल के हॉस्टल का रिकॉर्ड उपलब्ध कराने को कहा है. देर शाम तक छात्र कल्याण कार्यालय विभिन्न हॉस्टलों से जानकारी इकट्ठा करने में जुटी थी. इधर, एलएस कॉलेज प्राचार्य डॉ अमरेंद्र नारायण यादव ने डय़ूक हॉस्टल के पिछले पांच साल का रिकॉर्ड देर शाम ही विवि थाना को उपलब्ध करा दिया है.
हॉस्टल आवंटन की ये है प्रक्रिया
विवि में तीन पीजी ब्वॉयज हॉस्टल हैं. पीजी वन में 86, पीजी टू में 48 व पीजी थ्री में 102 कमरे हैं. फिलहाल तीनों हॉस्टल में कमरों की संख्या के अनुपात में छात्रों की संख्या काफी कम है. हॉस्टल में कमरा लेने के लिए छात्र संबंधित विभागों से आवेदन अग्रसारित करवा कर छात्र कल्याण कार्यालय में लाते हैं. वे खुद अपनी पसंद से हॉस्टल का चयन करते हैं. कमरा खाली रहने की स्थिति में उन्हें हॉस्टल आवंटित कर दिया जाता है. पूर्व कुलपति डॉ विमल कुमार के कार्यकाल में हॉस्टल में छात्रों के विवाद को देखते हुए पीजी टू हॉस्टल एक खास जाति के लिए आवंटित कर दिया गया था. उसके बाद से प्राय: उसी जाति के लोग उस हॉस्टल में अपना नामांकन करवाते रहे हैं.

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