पैरवी के नाम पर बदमाशों से पैसा वसूलता था रामप्रवेश
मुजफ्फरपुर: उत्तर बिहार के कई शातिर अपराधियों से रामप्रवेश ने पैरवी के लिए पुलिस अधिकारियों के नाम पर लाखों रुपये वसूल रखे थे. कहीं वही पैसा उसकी हत्या का तो कारण नहीं बन गया. पुलिस इस बिंदु पर भी अनुसंधान कर रही है. बताया जाता है कि रुपये वसूलने के बाद भी वह उन अपराधियों […]
मुजफ्फरपुर: उत्तर बिहार के कई शातिर अपराधियों से रामप्रवेश ने पैरवी के लिए पुलिस अधिकारियों के नाम पर लाखों रुपये वसूल रखे थे. कहीं वही पैसा उसकी हत्या का तो कारण नहीं बन गया. पुलिस इस बिंदु पर भी अनुसंधान कर रही है. बताया जाता है कि रुपये वसूलने के बाद भी वह उन अपराधियों की पैरवी नहीं कर पाया था. पुलिस अधिकारियों का चहेता होने के कारण ऐसे अपराधी उसके सामने मुंह खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे. लेकिन अंदर ही अंदर उनके मन में रामप्रवेश के प्रति आक्रोश पनप रहा था.
रामप्रवेश मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, शिवहर सहित कई जिलों के ऐसे अपराधियों की आंख की किरकिरी बन चुका था. पैसे कमाने के लिए वह निदरेष युवकों को फंसा कर भी उनसे वसूली करता था. उसके जानने वाले बताते हैं कि उसकी पहचान स्पिरिट माफिया के रूप में ही थी. केसरिया के रहने वाले पंकज के साथ रह कर उसकी कई जिलों के पुलिस अधिकारियों के साथ अच्छे संबंध हो गये थे. अक्सर अवैध हथियार के साथ चलने वाले राम प्रवेश को पुलिस अपने साथ छापेमारी टीम में भी रखती थी.
फौजी की कार पर की थी फायरिंग
कथैया के रहने वाले फौजी को पकड़वाने में भी राम प्रवेश अहम भूमिका थी. कुछ माह पूर्व पुलिस को सूचना थी कि फौजी नेपाल से मोतिहारी आने वाला है. पूर्वी चंपारण के एक इलाके में उसे घेरने की कोशिश की गयी थी. पुलिस टीम के साथ उसकी कार पर रामप्रवेश ने भी फायरिंग की थी.
शिवहर में की थी निर्दोष से वसूली
हत्या से चार-पांच दिन पूर्व पूर्वी चंपारण जिले में हुए एक अपहरण कांड में वह एक वरीय पुलिस अधिकारी के साथ शिवहर जिले में छापेमारी करने गया था. इस दौरान पुलिस ने दो युवकों को शक के आधार पर पकड़ लिया था. जांच में पता चला कि अपहरण कांड में उनकी संलिप्तता नहीं थी. फिर भी रामप्रवेश ने उन दोनों से पुलिस के नाम पर वसूली कर ली थी. पैसे लेने के बाद ही दोनों को छोड़ा गया था.
कोठा नहीं, रसूखदारों से ‘घर’ पर मिलती थी काजल
मुजफ्फरपुर: नर्तकी काजल खातून के तवायफ मंडी में दो ठिकाने हैं. कालीबाड़ी रोड में उसका आवासीय मकान है. उसी मकान में वह रहती है, जबकि मंदिर रोड में नाच-गान के लिए उसने अलग मकान ले रखा है. मुजरा करने के बाद वह रोज कालीबाड़ी रोड चली जाती थी. उसके चाहने वाले रसूखदार लोग अक्सर उससे कालीबाड़ी रोड वाले मकान में ही मिलने आते थे. शहर के कई सफेदपोश काजल के दीवाने थे. वह अक्सर देर शाम उससे मिलने उसके आवास पर आते-जाते थे. लोगों का कहना था कि उसके घर के आसपास महंगी गाड़ियां अक्सर खड़ी देखी जाती थी. दूसरों जिलों से भी कई लोग उसका मुजरा सुनना आते थे. पूर्वी चंपारण जिले के पकड़ीदयाल थाना के बड़का गांव निवासी राम प्रवेश भी उसके चाहने वालों में से एक था. कई साल से उसका काजल से मधुर संबंध था.
वह अक्सर महीने में दस से बारह बार उससे मिलने पहुंच जाता था. उसकी गाड़ी हमेशा कालीबाड़ी रोड में ही लगती थी. वह काजल के मंदिर रोड वाले कोठे पर कभी नहीं जाता था. उससे संबंध होने की बात रामप्रवेश के परिजन भी जानते थे. उसके आने के समय अगर वह मंदिर रोड वाले कोठे पर होती थी तो मुजरा छोड़ कर उससे मिलने चली जाती थी. घटना के दिन भी रामप्रवेश सुबह में गेहूं देने के बाद शाम में मिलने को कह कर वापस लौट गया था. देर शाम अपराधी को पता था कि राम प्रवेश लौट कर नर्तकी से मिलने फिर आयेगा.
बनी सात टीम, मोतिहारी में छापेमारी
रामप्रवेश हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए एसएसपी रंजीत कुमार मिश्र ने सात अलग-अलग टीमों का गठन किया है. बुधवार की रात पूर्वी चंपारण के कई जगहों पर छापेमारी की गयी. हालांकि पुलिस को कोई सफलता हाथ नहीं लगी है. पुलिस का कहना है कि मोबाइल के कॉल डिटेल के आधार पर छापेमारी की जा रही है. प्रारंभिक जांच में इस हत्याकांड के तार मोतिहारी से जुड़े मिले है. उसके गांव का अक्षय भी छापेमारी के दौरान फरार मिला. पुलिस का कहना है कि बैरिया, सीतामढ़ी, शिवहर में भी अलग-अलग टीम छापेमारी कर रही है. उसका बैरिया के पास भी ठिकाना था. यह भी माना जा रहा है कि उसके किसी करीबी ने लाइनर का काम किया है. घटना के दिन उसके मोबाइल का टावर लोकेशन के आधार पुलिस काम कर रही है. चर्चा है कि उसकी हत्या में भाड़े के अपराधियों का इस्तेमाल किया गया है.
नर्तकियों के लाइसेंस की होगी जांच
शुक्ला रोड में बिना लाइसेंस के कई नर्तकियां अपना धंधा बेरोक-टोक चला रही है. उनके कोठे पर देर शाम कई अपराधियों के भी पहुंचने की सूचना पुलिस को मिली है. सिटी एसपी का कहना है कि सभी नर्तकियों के लाइसेंस की जांच अभियान चला कर की जायेगी. अपराधियों को पनाह देने नर्तकियों पर पुलिस शिकंजा कसेगी. बताया जाता है कि हत्याकांड के बाद पुलिस के कई लोग सादे लिबास में तवायफ मंडी पर नजर गड़ाये हुए है.