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मौत के रजिस्ट्रेशन में होता था सौदा, कई बड़े चेहरे बेनकाब

नगर निगम में पैसे लेकर जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का खुलासात्न घेरे में आया जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग मुजफ्फरपुर : नगर निगम में जन्म व मृत्यु के रजिस्ट्रेशन में भी सौदेबाजी का मामला सामने आया है. इसमें कई चेहरे बेनकाब हुए हैं. आवेदन के साथ पैसे लेने के बाद ही जन्म व मृत्यु का […]

नगर निगम में पैसे लेकर जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का खुलासात्न घेरे में आया जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग
मुजफ्फरपुर : नगर निगम में जन्म व मृत्यु के रजिस्ट्रेशन में भी सौदेबाजी का मामला सामने आया है. इसमें कई चेहरे बेनकाब हुए हैं. आवेदन के साथ पैसे लेने के बाद ही जन्म व मृत्यु का सर्टिफिकेट दिया गया है.
पैसे लेकर उम्र व मौत की तिथि में हेराफेरी की गयी है. इसके लिए बाकायदा नगर निगम के काउंटर व एमआरडीए (विघटित) में बिचौलिये तैनात हैं. मामला सामने आने पर नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने फर्जीवाड़ा के इस रैकेट का खुलासा किया. नगर आयुक्त ने शुक्रवार को सिटी एसपी राजेंद्र कुमार भील को फोन कर अपने कार्यालय में बुलाया.
इसके बाद उन्होंने सांख्यिकी अधिकारी राजेश कुमार साहू, कर्मचारी राजीव चौधरी व दो महिला कर्मियों को उनके हवाले कर दिया. चारों को साढ़े चार घंटे तक नगर प्रबंधक राजेश झा के चैंबर में रखा गया. उनसे पुलिस व नगर प्रबंधक ने पूछताछ की. जिला सांख्यिकी पदाधिकारी रश्मि कुमारी के नेतृत्व में चार सदस्यीय जांच टीम गठित की गई. जांच टीम ने शुरुआती जांच में ही बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की पहली रिपोर्ट नगर आयुक्त को दी.
जब्त फाइल में आवेदन के साथ मिले पैसे
एमआरडीए स्थित जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र कार्यालय से जब्त किये फाइल की जांच में आवेदन के साथ दो सौ रुपये भी रखे गये थे. जांच में यह भी मामला सामने आया कि काउंटर पर गुरुवार को दस आवेदन आये थे. जबकि शाम में राजीव ने करीब 75 आवेदन की इंट्री करा दी. यह खेल प्रतिदिन विभाग में होता था.
परत दर परत होने लगा खुलासा
नगर आयुक्त को जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र में पैसे लिये जाने की शिकायत कई दिन से मिल रही थी. इसके बाद गुरुवार शाम उन्होंने काउंटर से फाइल जब्त कर कर्मियों से पूछताछ की. इसमें यह खुलासा हुआ कि काउंटर पर पांच से दस आवेदन आते हैं, जबकि एमआरडीए स्थित जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र काउंटर से शाम को प्रतिदिन 75 से 100 आवेदन लेकर राजीव चौधरी आते हैं व दवाब डालकर रजिस्टर में चढ़वाते हैं.
पैसा लेकर बड़े पैमाने पर फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र बनाने की बात सामने आने के बाद आयुक्त ने नगर प्रबंध राजेश झा को भेजकर एमआरडीए स्थित कार्यालय से भी फाइल जब्त करा लिया. कार्यरत सांख्यिकी पदाधिकारी राजेश कुमार साहू , कर्मचारी राजीव चौधरी व एक महिला कर्मी को निगम कार्यालय लाया गया. निगम के काउंटर पर कार्यरत महिला कर्मी को बुलाया गया. चारों को पुलिस के हवाले कर दिया गया.
फर्जी प्रमाण पत्र की जांच में पहुंचीसहरियाणा पुलिस
जिस समय निगम में जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़े की जांच चल रही थी, इसी बीच हरियाणा के सोनीपत पुलिस पहुंची. नगर आयुक्त से मिल 21 व 22 साल के दो युवकों को 16 साल उम्र का प्रमाण पत्र बनाये जाने से संबंधित कागजात पेश की. जांच में पता चला कि नोटरी द्वारा बनाये शपथ पत्र व एसडीओ की अनुशंसा पर जन्म प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है. एक अधिवक्ता भी इसी क्रम में अपनी शिकायत लेकर नगर आयुक्त से मिले. कहा, छह माह पूर्व सही मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया गया. फिर छह माह में दूसरा गलत प्रमाण पत्र बना दिया गया. इसके बाद नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा पूरे मामले की जांच का आदेश दिया.
ऊंची पहुंच के कारण वर्षो से जमे हैं राजीव
एमआरडीए स्थित जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा में मस्टर रोल पर कार्यरत राजीव चौधरी करीब दस वर्ष से जमा हुआ है. कई बार इस तरह का फर्जीवाड़ा सामने आने पर उस पर कार्रवाई की तैयारी हुई. लेकिन, अपनी ऊंची पहुंच के बलपर वह कायम है. चर्चा है कि अर्थ व सांख्यिकी निदेशालय में उसकी अच्छी पकड़ है. इसके कारण वह कार्रवाई से बचता आ रहा है. निगम में दिन भर यह भी चर्चा रही कि नगर आयुक्त राजीव पर कार्रवाई कर पायेंगे?
जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग में गलत सर्टिफिकेट बनाये जाने को लेकर नगर आयुक्त के आदेश पर नगर थाना पुलिस को निगम में भेजा गया था. काउंटर पर जितने आवेदन आते थे, उससे काफी अधिक इंट्री होती थी. पुलिस ने भी जांच की है. बाद में निगम ने निर्णय लिया है कि पहले विभागीय जांच होगी, फिर जरूरत पड़ने पर पुलिस जांच होगी.
राजेंद्र कुमार भील, सिटी एसपी, मुजफ्फरपुर.
पैसा लेकर जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया जाता था. एमआरडीए से ही आवेदन लेकर कर्मचारी राजीव चौधरी शाम में दवाब डाल कर निगम काउंटर पर कार्यरत कर्मचारी से रजिस्टर में इंट्री करा लेता था. इसकी जानकारी मिलने के बाद फाइलों को जब्त किया गया. जिसमें दो सौ रुपये भी मिले. पुलिस को बुलायी गई थी. बड़े पैमाने पर हेराफेरी का मामला सामने आया है. जिला सांख्यिकी पदाधिकारी रश्मि कुमारी के नेतृत्व में जांच टीम गठित की गई है.
जिसमें नगर प्रबंधक राजेश झा, प्रधान सहायक अमरेंद्र कुमार सिन्हा, वरीय टैक्स दारोगा अशोक कुमार सिंह शामिल हैं. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कठोर कार्रवाई की जायेगी. स्पष्टीकरण मांगा गया है. बांड भराने के बाद छोड़ा गया है.
हिमांशु शर्मा, नगर आयुक्त, नगर निगम

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