जिन तेरह पीटीआइ को इसका लाभ मिलेगा, उसमें पारस प्रसाद गुप्ता, राम शोभित साह, शिव नारायण सिंह, विभाष चंद्र झा, इंद्रभूषण सिंह व देवेंद्र सिंह सेवानिवृत्त हो चुके हैं. वहीं परामानंद सिंह व बीरेंद्र कुमार सिंह की मृत्यु हो चुकी है. पांच अन्य लाभान्वितों में डॉ राम मनोहर लोहिया स्मारक कॉलेज के पीटीआइ राजेश्वर प्रसाद, एजएलएनएम कॉलेज घोड़ासहान के पीटीआइ राजेंद्र सिंह, एमएस कॉलेज मोतिहारी के पीटीआइ मनोरंजन प्रसाद सिंह, आरएलएसवाइ कॉलेज बेतिया के पीटीआइ प्रभुनाथ यादव व टीपी वर्मा कॉलेज नरकटियागंज के पीटीआइ सुनील कुमार वर्मा शामिल हैं.
इन सभी की नियुक्ति एक जनवरी 2006 से पूर्व बहाल हुए थे. पारस प्रसाद गुप्ता के नेतृत्व में सभी पीटीआइ वर्ष 2010 से ही इसकी मांग कर रहे थे. इसके लिए राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग पत्र संख्या 2693 को आधार बना रहे थे. कुलपति डॉ पंडित पलांडे ने उनकी मांगों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था, जिसमें पूर्व वित्त अधिकारी जेएनपी सिंह, वित्त परामर्शी जीसीएल श्रीवास्तव व कुलानुशासक डॉ अजय कुमार श्रीवास्तव शामिल थे. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही विवि प्रशासन ने यह फैसला लिया है.