ग्रीन रे के निदेशक समेत 11 पर केस
चिटफंड के नाम पर करोड़ों की ठगी मुजफ्फरपुर : करोड़ों रुपये की ठगी मामले में चिटफंड कंपनी ग्रीन रे इंटरनेशनल लिमिटेड के चार निदेशकों मो मीर सहीरुद्दीन, मीर तहरुद्दीन, अब्दुल खालिक साहा, अयूब साहा सहित ग्यारह लोगों पर नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. कांटी थाना क्षेत्र के दामोदरपुर निवासी व कंपनी के […]
चिटफंड के नाम पर करोड़ों की ठगी
मुजफ्फरपुर : करोड़ों रुपये की ठगी मामले में चिटफंड कंपनी ग्रीन रे इंटरनेशनल लिमिटेड के चार निदेशकों मो मीर सहीरुद्दीन, मीर तहरुद्दीन, अब्दुल खालिक साहा, अयूब साहा सहित ग्यारह लोगों पर नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
कांटी थाना क्षेत्र के दामोदरपुर निवासी व कंपनी के अभिकर्ता मो शमशेर अली के परिवाद पर यह प्राथमिकी दर्ज की गयी है. मो शमशेर ने प्राथमिकी में बताया है कि मो जावेद कांटी थाना के दामोदरपुर के रहने वाले हैं.
चिटफंड कंपनी ग्रीन रे इंटरनेशनल का वरीय मार्केटिंग मैनेजर बताते हुए कहा कि यह कंपनी मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स, नयी दिल्ली से मान्यता प्राप्त है. कंपनी प्रतिमाह जमा राशि पर अठारह प्रतिशत के हिसाब से लाभ देती है. छह साल में एकमुश्त जमा राशि का तिगुना जमाकर्ता को वापस करती है. जिले के विभिन्न लोगों को कंपनी की योजना बता कर मो शमशेर व अन्य अभिकर्ताओं ने करोड़ों की राशि कंपनी में जमा करायी थी. कंपनी ने बांड पेपर दिये.
लेकिन एक वर्ष से जमा राशि की प्राप्ति रसीद व बांड पेपर मिलने में देरी होने लगी. यहीं नहीं, योजना में जमा परिपक्वता राशि का भुगतान भी नहीं हुआ. डेढ़ साल पहले सेबी ने जांच के क्रम में कंपनी के काम को मानक के अनुरूप नहीं पाया था. कंपनी के बंद होने पर निदेशक व अधिकारी जमाकर्ताओं के करोड़ों रुपये लेकर शहर से फरार हो गये.