संवाददाता, मुजफ्फरपुर.भारत में मार्क्सवाद के राजनीतिक उन्मुखीकरण गौतम बुद्ध के दर्शन से माना जाता है. जहां बुद्ध धन को निषेध मानते थे, वहीं मार्क्सवादी सत्ता की कामना नहीं करते थे. लेकिन वर्तमान में नव बाजारवाद के दौर में भटकाव के कारण साम्यवाद कमजोर दिखता है. इस पर पूंजीवाद का प्रभाव काफी बढ़ गया है. यह बातें जेएनयू के प्रोफेसर डॉ एस मालाकार ने कही. वे बुधवार को विवि इतिहास विभाग में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. विषय था, भारत में वाम एकता : चुनौतियां व संभावना. उन्होंने कहा, नव बाजारवाद से उपजे कुव्यवस्था का विकल्प साम्यवाद हो सकता है. उद्घाटन विभागाध्यक्ष डॉ अपर्णा कुमारी, विषय प्रवेश डॉ पंकज कुमार राय व धन्यवाद ज्ञापन डॉ एमएन राजवी ने की. मौके पर डॉ मंजू सिन्हा भी मौजूद थी.
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नव बाजारवाद के कारण साम्यवाद हुआ कमजोर : डॉ एस मालाकार
संवाददाता, मुजफ्फरपुर.भारत में मार्क्सवाद के राजनीतिक उन्मुखीकरण गौतम बुद्ध के दर्शन से माना जाता है. जहां बुद्ध धन को निषेध मानते थे, वहीं मार्क्सवादी सत्ता की कामना नहीं करते थे. लेकिन वर्तमान में नव बाजारवाद के दौर में भटकाव के कारण साम्यवाद कमजोर दिखता है. इस पर पूंजीवाद का प्रभाव काफी बढ़ गया है. यह […]
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