दो पग में नाप लिया राजा बलि का साम्राज्य

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरश्री हरि कृपा सेवा व सत्संग समिति की ओर से भगवानपुर स्थित भवानी नगर में चल रहे श्रीमद भागवत कथा के पांचवें दिन मंगलवार को व्यास पीठ पर विराजमान श्री राम दासाचार्ज ने कहा, भगवान किसी का अभिमान नहीं सहते हैं. अभियान व भगवान के माला को अपमानित करने के कारण दुर्वासा ऋषि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2015 12:02 AM

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरश्री हरि कृपा सेवा व सत्संग समिति की ओर से भगवानपुर स्थित भवानी नगर में चल रहे श्रीमद भागवत कथा के पांचवें दिन मंगलवार को व्यास पीठ पर विराजमान श्री राम दासाचार्ज ने कहा, भगवान किसी का अभिमान नहीं सहते हैं. अभियान व भगवान के माला को अपमानित करने के कारण दुर्वासा ऋषि ने इंद्र को स्वर्ग छिन जाने का शाप दे दिया था. इसके बाद बलि ने यज्ञ से प्राप्त शक्ति के कारण इंद्र लोक पर चढ़ाई कर दी. इंद्र अपने गुरु वृहस्पति की सहमति लेकर छिप गये. बलि का स्वर्ग पर अधिकार हो गया. यानी इंद्र द्वारा भगवान के माला का अपमान करने का यह फल था. फिर भगवान ने वामन का रू प धारण कर आये. बलि के यज्ञ में जाकर तीन पग भूमि मांगी. बलि ने स्वीकार कर लिया. हालांकि दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने राजा बलि को इस कार्य के लिए मना किया था. फिर अपने वचन से बलि पीछे नहीं हटे. भगवान ने दो पग में राजा बलि का साम्राज्य नाप लिया. तीसरे पग से राजा बलि की पीठ नाप लिया. इसके बाद गंगा अवतरण, हरिश्चंद्र की कथा, रघुवंश की कथा, भगवान राम की कथा सुनाई. इस मौके पर मुकेश व्यास, राम अयोध्या दास, संतोष ओझा, उदय शंकर ठाकुर, उमा शंकर ठाकुर, श्याम सुंदर ठाकुर ने भाग लिया.

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