स्वच्छता के लिए चंद्रहट्टी के युवाओं की सार्थक पहल

कुढ़नी (मुजफ्फरपुर): जब देश में देवालय से पहले शौचालय बनाने की बात होती है और स्वच्छता को लेकर बड़े पैमाने पर चर्चा हो रही है. ऐसे में अगर ये सुनने को मिले कि बिहार के कुछ हिस्से ऐसे हैं, जहां लोग खुले में शौच ही नहीं जाते. शौच जाते समय वो अपने साथ पानी नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2015 8:51 AM
कुढ़नी (मुजफ्फरपुर): जब देश में देवालय से पहले शौचालय बनाने की बात होती है और स्वच्छता को लेकर बड़े पैमाने पर चर्चा हो रही है. ऐसे में अगर ये सुनने को मिले कि बिहार के कुछ हिस्से ऐसे हैं, जहां लोग खुले में शौच ही नहीं जाते. शौच जाते समय वो अपने साथ पानी नहीं ले जाते.

इनमें ज्यादा संख्या महिलाओं की होती है, जो पानी नहीं ले जाने की वजह शर्म बताती हैं, लेकिन क्या ये शर्म उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं है? इसी को लेकर चंद्रहट्टी व उसके आसपास के गावों के युवाओं ने जागरूकता अभियान शुरू किया है. यहां के युवाओं की कोशिश है कि लोग खुले में शौच जायें ही नहीं, अगर जायें, तो साथ में पानी जरूर ले जायें.

चंद्रहट्टी के युवाओं के अभियान से आसपास के दस गांवों के लोग जुड़ गये हैं. इनमें सभी उम्र व वर्ग के लोग हैं, जो स्वच्छता की जोत अपने इलाके में जलाना चाहते हैं. इसके लिए इन लोगों ने धार्मिक आयोजनों में स्वच्छता संबंधी बैनर व पोस्टर लगाने शुरू कर दिये हैं. युवाओं ने पंपलेट भी छपवाया है, जिसमें लिखा है, जहां सफाई, वहीं भगवान.
पोस्टर में आगे लिखा है, खुले में शौच न जायें. अगर जायें, तो शौच के लिए जाते समय महिलाएं, पुरुष, बूढ़े व बच्चे सभी अपने साथ पानी जरूर ले जायें. इसमें शर्म किस बात की. साफ शरीर, स्वस्थ्य शरीर, अच्छा संस्कार.
चंद्रहट्टी माई स्थान में चल रहे अष्ठयाम में युवाओं ने स्वच्छता संबंधी पोस्टर लगाया है. साथ ही ये पंपलेट लेकर गांव के उन घरों में जाते हैं, जिनके सदस्य खुले में शौच जाते हैं. युवा लोगों को उन्हीं की भाषा में स्वच्छता के मायने समझा रहे हैं. इसका असर भी दिखने लगा है. अभियान के बारे में युवाओं के प्रेरित करनेवाले व्यक्ति कहते हैं, जब मैंने ये सुना तो मुङो सहसा विश्वास नहीं हुआ कि बिहार की उस धरती पर जहां शंकराचार्य को भारती मिश्रे हरा कर उनके विजय रथ को रोका. भगवान बुद्ध को नियम बदलने के लिए मजबूर कर पहली महिला शिष्या आम्रपाली बनीं. वहां की महिलाएं खुले में बिना पानी के शौच जाती हैं.
कल निकलेगी रैली
युवाओं ने 15 फरवरी को जागरूकता रैली निकालने का फैसला लिया है, जो चंद्रहट्टी के साथ आसपास के गांवों में भी जायेगी. इसमें चंद्रहट्टी के साथ आसपास के गांवों के युवा तो भाग लेंगे ही. साथ ही उनके अभिभावक भी जागरूकता रैली का हिस्सा बनेंगे.

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