नदी किनारे छायेगी हरियाली, लगेगा बांस

– नदी का कटाव रोकने के लिए ग्रामीण विकास की पहल – अगले माह से नदी तट पर बांस रोपने का काम होगा शुरू – सामाजिक वानिकी के तहत चलेगा कार्यक्रम उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर . नदी किनारे अब हरियाली ही हरियाली दिखेगी. जमीन की उर्वरक क्षमता बढ़ाने व कटाव रोकने के लिए ग्रामीण विकास विभाग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2015 11:03 PM

– नदी का कटाव रोकने के लिए ग्रामीण विकास की पहल – अगले माह से नदी तट पर बांस रोपने का काम होगा शुरू – सामाजिक वानिकी के तहत चलेगा कार्यक्रम उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर . नदी किनारे अब हरियाली ही हरियाली दिखेगी. जमीन की उर्वरक क्षमता बढ़ाने व कटाव रोकने के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने नदी किनारे बांस लगाने का निर्णय लिया गया है. विभाग के सचिव एसएम राजू ने जिलाधिकारी को पत्र लिख कर नदी तटों पर सामाजिक वानिकी योजना से बांस लगाने के लिए कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है. पौधा रोपण मार्च महीने से ही प्रारंभ कराने को कहा गया है, ताकि जुलाई तक वृक्ष की लंबाई पांच से छह फिट हो जाने पर बाढ़ व बारिश में पौधे को नुकसान नहीं होगा. बताया गया है कि सूर्य गढ़ा व लखी सराय में बांस लगाया गया है.वही पूर्व से प्रधान मंत्री सड़क के किनारे ग्रामीण इलाके में लगाये गये अर्जुन, नीम, करंज, जामुन, शीशम, टीक के पौधारोपण में भी तेजी लाने को कहा गया है. बांस रोपण की योजना नदी प्रवाह वाले सभी जिले में लागू किया गया है. योजना के संचालन के लिए पीएमयू की स्थापना होगी. मनरेगा कार्यपालक अभियंता इसके प्रभारी पदाधिकारी होगें. पौधा रोपण के लिए फेसिलेटर पीएमयू व वन पदााधिकारी आपस में समन्वय कर सरकारी नर्सरी में बांस के पौधे की प्रजाति व उपलब्धता के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे. तीन मीटर की दूरी पर होगा पीट बांस का पौधा लगाने के लिए पीट तैयार होगा. एक पीट से दूसरे पीट के बीच की दूरी तीन मीटर होगी. मजदूरी का निर्धारण के लिए पांच पौधा को एक पौधा माना जायेगा. मतलब एक पीट में पांच पौधा लगेगा. इसकी मजदूरी सात रुपया होगा.

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